Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

प्रधानमंत्री मोदी को मिले 2700 से ज्यादा उपहारों की प्रदर्शनी और ई-नीलामी शुरु

 

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले एक साल में मिले उपहारों की ऑनलाइन नीलामी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया है कि ई-नीलामी से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल ‘नमामि गंगे’ परियोजना में किया जाएगा। मोदी को मिले स्मृति चिन्ह राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, जयपुर हाउस दिल्ली में 14 सितंबर से 3 अक्टूबर 2019 तक सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक देखे जा सकते हैं।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को नई दिल्ली में ‘नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किए गए उपहारों की प्रदर्शनी व ई-नीलामी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पटेल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने देश की जीवन रेखा गंगा नदी को ‘नमामि गंगे’ के माध्यम से संरक्षित करने के कार्यक्रम के लिए स्वयं को मिले सभी उपहारों की नीलामी करने का निर्णय लिया है।

संस्कृति मंत्री ने कहा कि इन स्मृति चिन्हों का मूल्य मौद्रिक रूप से नहीं मापा जा सकता है लेकिन उपहारों से जुड़े भावनात्मक मूल्य अथाह हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘नमामि गंगे’ परियोजना के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें बधाई देने वाले शीर्ष 20 उच्चतम बोलीदाताओं को भारत सरकार से एक पत्र भी भेजा जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह भारत के प्रधानमंत्री को प्रस्तुत किए गए प्रतिष्ठित और यादगार उपहारों की ई-नीलामी का दूसरा दौर है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदर्शनी आज से 03 अक्टूबर,2019 तक वेबपोर्टल पर आयोजित की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि इस दौर में 2700 से अधिक स्मृति चिन्हों को ई-नीलामी किया जाएगा। लगभग 500 स्मृति चिन्ह वर्तमान में सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डन आर्ट में आम जनता के लिए प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रदर्शित मेमेंटोस को हर हफ्ते बदल दिया जाएगा। इन उपहारों में पेंटिंग, मेमेंटो, मूर्तियां, शॉल, पगड़ी, जैकेट और पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र शामिल हैं। इनका न्यूनतम आधार मूल्य 200 रुपये और उच्चतम 2.5 लाख रुपये तय किया गया है। उन्होंने बताया कि नीलामी के बदले में जुटाई गई राशि का इस्तेमाल ‘नमामि गंगे’ परियोजना के लिए किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल भी उपस्थित रहे।