Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

EVM की शंकाओं को दूर करने के लिए चुनाव आयोग शुरू करेगा जागरूकता अभियान

zaidi-keTH--621x414@LiveMintनईदिल्ली : 11 मार्च को पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद से ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर आशंकाओं का दौर जारी है. बुधवार को भी दिनभर EVM को लेकर बयानबाजी होती रही. बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव नतीजों पर शक जताते हुए आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी के वोट भाजपा व शिरोमणि अकाली दल में चले गए. इससे चिंतित चुनाव आयोग ने अब जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है.

बताया जा रहा है कि EVM की निष्पक्षता और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होने की जानकारी देने को लेकर एक रणनीति बनाने पर उच्च स्तरीय चर्चा की जा रही है. इस अभियान में चुनाव आयोग राजनीतिक दलों, मीडिया और जनता सहित सभी पक्षों को शामिल करना चाहता है. बता दें कि अब तक EVM को लेकर 4 राजनीतिक दलों की ओर से गड़बड़ी का शक जताया जा चुका है. इसके पूर्व चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने स्पष्ट किया था कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब VVPAT स्लिप्स की गिनती का सवाल ही नहीं उठता. चुनाव आयोग अब इस पर कुछ नहीं करेगा. इतना ही नहीं, आयोग ने शिकायत करने वालों को याचिका दायर करने का सुझाव दिया था.

उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2017 का परिणाम आने के साथ ही बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सबसे पहले EVM को लेकर शक जताया था.वहीं, कांग्रेस ने भी मायावती के आरोप का समर्थन किया. बाद में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कुछ ऐसी ही राय दी थी. इनमें आरजेडी नेता व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी थे. बवाल तब और बढ़ गया जब बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा पत्रकार वार्ता करके EVM की विश्वसनीयता पर संदेह जताया.

Leave a Reply

Your email address will not be published.