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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, पार्टी के प्रत्याशी की फोटो ही होगी उसका चुनाव चिन्ह

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी पिछले 5 सालों से भारतीय लोकतंत्र में स्वच्छ राजनीती स्थापित करनें के उद्देश्य से लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन चला रही है, जिसमें चुनाव सुधार प्रमुख है जिसके तहत EVM पर प्रत्याशियों की फोटो लगवानें की सफलता मिली.

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी बिना चुनाव चिन्ह के चुनाव लड़ने में विस्वास रखती है, इसीलिए चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह नहीं लेती है, पार्टी के प्रत्याशी की फोटो ही उसका चुनाव चिन्ह होगा, इस सिद्धांत का प्रयोग के रूप में अभी लोकसभा में दिल्ली, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश की कुल सात सीटों पर बिना चुनाव चिन्ह के प्रत्याशी लड़ाए गए थे, परिणाम स्वरुप कुल 34676 वोट मिले थे जिसमें राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी बिहार और राजस्थान में तीसरे नंबर और दिल्ली में पाचवें नंबर पर थी.

लोकसभा चुनाव में किये प्रयोग से मिली सफलता से उत्साहित होकर अब पार्टी बिना चुनाव चिन्ह के 2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा का चुनाव सभी सीटों पे लड़ेगी जिसके लिए पांच सदस्सीय दिल्ली विधानसभा चुनाव संचालन समिति गठित की गई है जिसमें दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री लोकेश कुमार मास्टरजी, दिल्ली प्रदेश महासचिव श्री पवित्र श्रीवास्तव, राष्ट्रीय संगठन अध्यक्ष श्री विष्णु कान्त शर्मा, महासचिव श्री सत्येन्द्र पाण्डेय और अध्यक्ष श्री प्रताप चन्द्रा शामिल हैं.

विदित हो कि चुनावी राजनीती में पार्टियों के चुनाव-चिन्हों नें लोकतंत्र को दूषित करके जनप्रतिनिधि को दलप्रतिनिधि बना डाला जिसके फलस्वरूप प्रतिनिनिधि जनहित में काम करनें के बजाये दलहित में काम करता है | पार्टियाँ कमल, हाथी, पंजा, झाड़ू, साइकिल इत्यादि की ब्रांडिंग करके टिकट के रूप में नीलाम करती हैं क्यूंकि रिजर्व चुनाव चिन्हों का प्रचार प्रसार काफी पहले से कर पाते हैं जबकि निर्दलीय या अमान्यता प्राप्त पार्टियों को चुनाव चिन्ह मात्र दो सप्ताह पहले मिलता है जिससे न सिर्फ चुनाव में भेदभाव होता है बल्कि अवसर की समता के अधिकार का हनन भी होता है | राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी की मांग है कि अब EVM पर प्रत्याशी की फोटो (आकृति) लगने लगी है जिसने चुनाव चिन्ह की भूमिका को समाप्त कर दिया | अब लोग फोटो पहचान कर मतदान कर सकेंगे लिहाज़ा EVM पर दो चिन्हों को रखना बेमानी है |