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26 अगस्‍त तक चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं कर सकती ईडी, सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

 

 

 

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया डील मामले में कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को आंशिक राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 26 अगस्त तक रोक लगा दी है।

जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोर्ट सीबीआई के मामले पर 26 अगस्त को सुनवाई करेगा, क्योंकि चिदंबरम 26 अगस्त तक की सीबीआई हिरासत में हैं। सुनवाई की शुरुआत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि चिदंबरम सीबीआई रिमांड में हैं। तब सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को तीन बजकर 20 मिनट पर आदेश सुनाया। हमने कोर्ट से कहा कि वे हमें सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का समय दें, तब उन्होंने कहा कि हम विचार करेंगे। चार बजे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए समय देने से इनकार कर दिया।

सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि कैसे उन्होंने वरिष्ठतम जज से इस मामले पर सुनवाई की अपील की लेकिन उनकी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हो सकी। सिब्बल ने कहा कि ये सही है कि अगर हमने कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया है तो हमें कुछ कहने का अधिकार नहीं है। हमें बताया गया कि इस पर 23 को सुनवाई होगी लेकिन कोर्ट में याचिका दायर करने के बावजूद उन्होंने हमें गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद यह कहा जा रहा है कि मैं अग्रिम जमानत की मांग नहीं कर सकता हूं कि क्योंकि हमें गिरफ्तार किया गया है। हमें संविधान की धारा 21 के तहत ये अधिकार है। हमने सीबीआई को ये बताया था कि हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई के मामले पर 26 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया।

ईडी के केस पर सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट ने सीबीआई की पूरी बहस को ही अपने आदेश में लिख दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में तो दोषी करार दे दिया है। सिब्बल ने कहा कि जब आदेश ही ईडी की बहस को कट एंड पेस्ट कर दिया गया तो हम जमानत की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।

इसका तुषार मेहता ने विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को उनकी दलीलों का कट एंड पेस्ट नहीं किया गया है।
सिब्बल के बाद चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले को एयरसेल मैक्सिस केस से जोड़कर जमानत नहीं दी गई। एयरसेल मैक्सिस मामले में हमें अंतरिम सुरक्षा मिली हुई है लेकिन उस केस से इस केस का कोई लेना-देना नहीं है। भला कोई जज अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए संसद से ये कैसे कह सकता है कि वो हाईप्रोफाइल आर्थिक अपराधियों को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने के प्रावधान को खत्म करे। इसलिए हमारे प्रोफाइल के मुताबिक हमारा मौलिक अधिकार बदल जाता है। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि किस जज ने क्या कहा और किस जज ने क्या नहीं कहा। हम तथ्य और साक्ष्य पर फोकस कर रहे हैं। हम ये कहना चाहते हैं कि हमें चिदंबरम की हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।

तुषार मेहता ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी को इस बयान के बाद सरकारी गवाह बना दिया गया कि उसने चिदंबरम से आईएनएक्स मीडिया डील की अनुमति के लिए मुलाकात की थी। मेहता ने कहा कि ई-मेल का आदान-प्रदान किया गया। मनी लांड्रिंग की गई। चिदंबरम के नजदीकी लोगों ने विदेशों में फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनके सामने बैठाकर पूछताछ करने की जरूरत है। मेहता ने कहा कि चिदंबरम के पास विदेशों में 17 खाते और 10 संपत्तियां हैं। इसमें मनी ट्रेल किया गया है, जिसमें पूछताछ की जरूरत है। मेहता ने कहा कि जिन लोगों ने फर्जी कंपनियां बनाईं उन्होंने चिदंबरम की पोती के पक्ष में वसीयत लिखी लेकिन उन्हें नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि चिदंबरम से बिना हिरासत के कोई सूचना पाना मुश्किल है। तब सिब्बल और सिंघवी ने कहा कि चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा बार-बार बढ़ाई गई और उन्होंने जांच में सहयोग किया। चिदंबरम को जनवरी 2019 से कभी समन नहीं भेजा गया।

 

तुषार मेहता ने कहा कि ईडी के मामले में कोई अंतरिम सुरक्षा देने की जरुरत नहीं है क्योंकि वे सीबीआई हिरासत में हैं। उस दिन तक हम चाहते हैं कि कोर्ट केस डायरी देखे। क्योंकि केस डायरी देखकर ही ट्रायल कोर्ट के जज ने चिदंबरम को हिरासत में भेजा था लेकिन कोर्ट ने ईडी मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 26 अगस्त तक की रोक लगाने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद जब तुषार मेहता कोर्ट को सीलबंद लिफाफा देने लगे तो सिब्बल ने आपत्ति जताई और कहा कि हाईकोर्ट में भी यही हुआ। इसलिए सब कुछ 26 को ही लीजिए। इस पर कोर्ट ने सहमति जताई।

इससे पहले 22 अगस्त को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पी चिदंबरम को 26 अगस्त तक की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया । स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने चिदंबरम के वकील और उनके परिवार के सदस्यों से रोजाना आधे घंटे मिलने की अनुमति दी थी। चिदंबरम को 21 अगस्त की रात को सीबीआई ने उनके घर से गिऱफ्तार किया था।