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शाम की पूजा में भूल से भी न करें यह गलती, भुगतना पड़ेगा ये भयंकर परिणाम

बहुत सारे लोग अपने काम की व्यस्तता की वजह से सुबह में पूजा ना कर के शाम के वक्त पूजा करना पसंद करते हैं। यदि आप शाम के समय ही पूजा करते हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरत कर ही पूजा करनी चाहिए।

शाम के समय आसुरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं और इन आसुरी शक्तियों का प्रभाव खत्म करने के लिए आपको सूर्य ढलने के बाद देव उपासना बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।

हमारे हिन्दू धर्म में अधिकांशतः पूजा पाठ करने के लिए भगवान के मंदिर बने होते हैं जिसमें लोग पूजा अर्चना करने जाते हैं लेकिन कुछ लोग जानकारी के अभाव में उन्हें लाभ नहीं मिल पाता। तो चलिए आज हम आपको पूजा पाठ से जुड़े नियमों को बताते हैं जिससे कि आप पूजा के समय कोई गलती ना करें और आपको अच्छे परिणाम की प्राप्ति हो।

ना करें ये गलती

  • घर में बने मन्दिरों में हमें भगवान की ज्यादा बड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए तथा अगर आप घर के मंदिर में शिवलिंग रखना चाहते हैं तो शास्त्रों के अनुसार हमें अपने अंगूठे से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।
  • भगवान की स्थापना पश्चिम की दिवाल पर करनी चाहिए ताकि जब आप पूजा करें तब आपका मुख पश्चिम की तरफ हो, ये काफी शुभ माना जाता है। ध्यान रखें कि आपको दक्षिण की तरफ मुख कर के कभी पूजा नहीं करनी चाहिए इससे आपको फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है।

  • जब भी आप शाम या सुबह के समय पूजा कर लें तो अपने घर में चारों तरफ एक बार घंटी बजा कर जरूर घूमें। घंटी या शंख की आवाज से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर भागती है।
  • वर्ष भर में एक बार जरूर श्रेष्ठ मुहूर्त आता है तो उस श्रेष्ठ मुहूर्त में अपने पूरे घर में एक बार गो मूत्र का छिड़काव करें।
  • कोई भी पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है तो जब भी आप विष्णु भगवान के किसी भी रूप की पूजा करें तो उसमें तुलसी जरूर शामिल करें।
  • मंगलवार, शुक्रवार, रविवार, अमावस्या पूर्णिमा, द्वादशी और रात्रि को या शाम के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़नी चाहिए।
  • सूर्य अस्त के बाद सारे देवी देवता विश्राम करने चले जाते हैं इसलिए शाम के बाद घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए । रात को सोने के समय मन्दिर के पर्दे लगा देने चाहिए।
  • रोज शाम के समय एक दीया तुलसी के सामने तथा एक दीया लक्ष्मी माता के सामने अवश्य जलाना चाहिए।