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लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने दिव्यांग विवेक, मिसाइलमैन भी कर चुके हैं सम्मानित

नई दिल्लीः शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग विवेक जोशी ने वह कर दिखाया है, जिसकी शायद ही कोई कल्पना कर सके। दिव्यांग होने के बावजूद आज वह दूसरों का जीवन संवार रहे हैं और समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं। उनकी लगन और मेहनत का हर कोई कायल है।

कहते हैं कि दृढ़ इच्छाशक्ति, कड़ी मेहनत और नेक इरादे हों तो कुछ भी असंभव नहीं हो सकता। यह कर दिखाया है दिव्यांग विवेक जोशी ने। विवेक जोशी पंजाब के जालंधर में रामा मंडी के बसंत हिल्स के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि ‘जन्म लेते ही मेरा संघर्ष शुरू हो गया। शुरुआत में मैं न बोल पाता था और न लिख और पढ़ पाता था। लोग दया भरी निगाहों से देखते, लेकिन परिवार का साथ मिला। पढ़ाई का शौक था।

जिद की तो पिता ने स्कूल में दाखिला करा दिया। सोचा कि दसवीं कर लेगा तो कहीं नौकरी मिल जाएगी और मन लगा रहेगा। दसवीं के बाद मैंने तय किया कि अभी पढ़ना है। फिर जो सिलसिला शुरू हुआ तो बारहवीं, बीए, एलएलबी, एलएलएम, एमबीए व एमएसडब्ल्यू के बाद अब तक नहीं थमा। फिलहाल डिसेबिलिटी मैनेजमेंट पर पीएचडी कर रहा हूं।’

विवेक का कहना है कि ‘बीए तक तो मैं पढ़-लिख नहीं पाता था। माता-पिता पढ़कर सुनाते, मैं उसे याद करता और परीक्षा में जो सहायक मिलता, उससे लिखवाता। इसी बीच 2014 में माधव सेवा सोसायटी बनाई फिर जरूरतमंद व इच्छुक बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। मेरी कक्षा में दिव्यांग व सामान्य सब एक साथ बैठते हैं। लगभग 400 बच्चे पढ़ चुके हैं। कई लोगों को प्रेरित किया।’ विवेक बताते हैं कि नौकरी न मिलने से कुंठाग्रस्त तीन युवक मिले।

काउंसिलिंग की तो वे कनाडा चले गए। एक लड़की रिजल्ट से इतनी डरी थी कि बारहवीं की परीक्षा ही नहीं देना चाहती थी। उसे समझाया और पढ़ाया। आखिर वह 86 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण हुई। एलएलबी और एलएलएम के बाद जरूरतमंदों और दिव्यांगों के केस मुफ्त लड़ते हैं।

अब्दुल कलाम राष्ट्रपति थे, तब हैदराबाद में सेरेब्रल पाल्सी पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस में उनसे मिले। उन्हें पता चला कि एलएलएम कर रखी है, तो उन्होंने सिर पर हाथ रख बधाई दी और कहा कि अपने ज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाओ। उन्होंने विवेक की किताब लफ्ज-लफ्ज मासूम रिलीज की थी। तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी के हाथों सम्मानित विवेक की कामयाबी में अतुलनीय योगदान के लिए उनकी मां कौशल्या जोशी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया है।