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मिल अधिकारियों की तानाशाही हुई उजागर, मजदूरों ने शुरू किया धरना प्रदर्शन

देव श्रीवास्तव/खमरिया-खीरी।

गोविंद शुगर मिल की तानाशाही का एक और कारनामा सामने आया जब कस्बा खमरिया स्थित गोविंद शुगर मिल के अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न,आर्थिक शोषण के विरुद्ध मजदूरों ने मोर्चा खोल दिया। मजदूर अधिकारियों के तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ धरने पर बैठ गए ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बा खमरिया स्थित गोविंद शुगर मिल प्रबंधन की तानाशाही उस समय उजागर हुई जब मिल मजदूरों की अकारण ही बीते शनिवार को छुट्टी घोषित कर दी गई। जब कि मिल मजदूरों के अनुसार बीते शनिवार अर्थात 25 अगस्त के स्थान पर 26 अगस्त 2018 दिन रविवार को छुट्टी होना था । मिल मजदूरों ने बताया प्रबंधन की तानाशाही के कारण मिल मजदूरों को एक दिन की मजदूरी का नुकसान हुआ। जिसके खिलाफ मोर्चा खोल कर धरने पर बैठ गए। मिल मजदूरों ने बताया प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों को पेडऑफ करके छुट्टी कर दी। जिससे नाराज कर्मचारियों ने कार्य बंदी का ऐलान कर मिल गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

गोविंद शुगर मिल कर्मचारी संगठन के बैनर तले शुगर मिल के कर्मचारियों ने मिल प्रबंधन के उत्पीड़न, शोषण के रवैया के विरुद्ध काम बंद करके मेन गेट पर आज से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया मिल प्रबंधन ने पिछले छः सालों से नियमानुसार बोनस, एक साल से ओवरटाइम का भुगतान नहीं दिया है। लेबर एक्ट के नियमों के विपरीत लोगों को खर्चा, महंगाई भत्ता, अन्य सुविधाओं सहित प्रमोशन का भी लाभ मिल प्रबंधन नहीं दे रहा है। जिसकी मांगों को लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने प्रबंधन को अपने अधिकारों का मांग पत्र दिया। जिससे नाराज होकर मिल प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों को पेड़ ऑफ कर के छुट्टी दे दी। जिसके विरुद्ध सभी कर्मचारियों ने मिल गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शन में अध्यक्ष राजबहादुर सिंह नाहर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक शुक्ला, महामंत्री फूलचंद्र गौतम, महामंत्री राजेश मोर्य, संयुक्त मंत्री प्रमोद सिंह, जगदीश यादव, चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव सहित सभी संगठन के कर्मचारी मौजूद रहे।