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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर जाने वाले प्रस्ताव को किया खारिज

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर जाने वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं। सीएम का कहना है कि अगर संवैधानिक अधिकारियों की विदेश यात्राओं पर फैसला उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले विषयों के आधार पर लिया जाता है तो प्रधानमंत्री भी विदेश यात्रा पर नहीं जा पाएंगे। आप सरकार ने एक अगस्त को सिंगापुर में होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री की सिंगापुर यात्रा का प्रस्ताव उपराज्यपाल (एलजी) को भेजा था। जिसे एलजी ने खारिज कर दिया। आप द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक आधिकारिक नोट में, केजरीवाल ने एलजी की उन्हें सिंगापुर ना जाने की सलाह से इतर मत रखते हुए कहा कि यदि इस आधार पर देश के संवैधानिक प्राधिकारियों के विदेश दौरों पर निर्णय लिए जाते हैं तो यह अजीब स्थिति और एक व्यावहारिक गतिरोध पैदा करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसलिए मैं विनम्रतापूर्वक एलजी की सलाह से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। हम इस यात्रा पर जाएंगे। । कृपया केंद्र सरकार से राजनीतिक मंजूरी के लिए आवेदन करें।’ प्रोटोकॉल के अनुसार, निर्वाचित राजनीतिक नेताओं को विदेश यात्रा पर जाने से पहले विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेना आवश्यकता होता है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बयान में कहा कि फाइल को एलजी के माध्यम से भेजा गया था, जिस पर एलजी ने अपनी सलाह दी है। बयान में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री ने जवाब दिया है कि उनकी क्षमता और समझ में वह एलजी की सलाह से सहमत नहीं हैं क्योंकि निमंत्रण उन्हें दुनिया भर के नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल पेश करने को लेकर संबंधित है। मुख्यमंत्री ने अपनी क्षमता से अब विदेश मंत्रालय से इस मामले में राजनीतिक मंजूरी देने के लिए संपर्क किया है।’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सक्सेना ने केजरीवाल को अगले महीने सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल नहीं होने की सलाह दी क्योंकि यह मेयर का सम्मेलन है और किसी मुख्यमंत्री का इसमें शामिल होना ठीक नहीं रहेगा।