जी हां, आज की मुलाकात में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने इजरायली समकक्ष को विशेष गिफ्ट दिया। उन्होंने कुरुक्षेत्र का उस रथ की एक प्रतिकृति भेंट की जिसमें अर्जुन और कृष्ण को दिखाया गया है। अर्जुन को कृष्ण ने उपदेश इसी रथ में दिया था। यह तस्वीर हिंदुओं के लिए अत्यंत शुभ और शक्ति का प्रतीक समझी जाती है। गैंट्ज कोई आम नेता नहीं हैं। वह एक समय इजरायल के पीएम की रेस में शामिल थे। वह सेना के रिटायर्ड जनरल हैं और देश के हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल लीडर में गिने जाता हैं। उनके दिल्ली दौरे का एजेंडा दोनों देशों के रक्षा संबंधों में मजबूती लाना है। भारत और इजरायल दोनों देश मिलकर विकास और सह-उत्पादन की तरफ बढ़ रहे हैं। यह इजरायल के लिए भी लाभकारी होगा क्योंकि उसकी डिफेंस इंडस्ट्रीज पहले से ही भारत के साथ मिलकर काम करती रही हैं। भारत और इजरायल का डिफेंस प्रोडक्शन में एक बड़ा प्रोजेक्ट MRSAM यानी मीडियम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का रहा है। इसे भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया गया।
DRDO और इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने मिलकर इसे विकसित किया है। भारत ने मार्च में भी इसका सफल टेस्ट किया था। इस मिसाइल से दुश्मन के जहाज, हेलिकॉप्टर, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को 70 किमी की दूरी से गिराया जा सकता है। दोनों देशों का एक संयुक्त वर्किंग ग्रुप है जिसमें वे विकास और अन्य क्षेत्रों के लिए रक्षा सचिव स्तर पर बात करते हैं। इजरायल हमारा सबसे भरोसेमंद मित्र देशों में से है। वाजपेयी सरकार के कार्यकाल से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होते गए। रूस, फ्रांस और अब अमेरिका के साथ इजरायल भारत के लिए सैन्य उपकरणों का एक बड़ा सप्लायर रहा है। वह उन चुनिंदा देशों में से एक है जो भारत के साथ मिलकर डिफेंस प्रोडक्शन करते हैं।