ट्वीटर पर वर्ल्डवॉर-3 ट्रेंड कर रहा है और पूरी दुनिया के लोग चिंता कर रहे हैं. अमेरिका ने अपने सैनिक खाड़ी देशों में भेजना शुरु कर दिया है. वहीं ईरान ने भी बदला लेने की चेतावनी दी है. ऐसे में स्थिति भयावह होती नजर आ रही है. ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका मध्यपूर्व में लगभग 3,500 और सैनिकों को तैनात करेगा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एनबीसी न्यूज ने शुक्रवार को बताया कि 82 वें एयरबोर्न डिवीजन से अतिरिक्त सैनिकों को इराक, कुवैत और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में तैनात किया जाएगा. एनबीसी न्यूज ने अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि सैनिक इस क्षेत्र में पहले से तैनात 650 अन्य लोगों के साथ शामिल होंगे और करीब 60 दिनों तक रहेंगे.
पेंटागन ने एक बयान में कहा, जैसा कि पहले घोषणा की गई थी कि 82 वें एयरबोर्न डिवीजन की तत्काल प्रतिक्रिया बल (आईआरएफ) ब्रिगेड को तैनाती के लिए सतर्क किया गया था. अब उन्हें तैनात किया जा रहा है. बयान में आगे कहा गया, ब्रिगेड कुवैत में अमेरिकी कर्मियों और फैसिलिटीज के खिलाफ बढ़ते खतरे के स्तर के जवाब में एक उपयुक्त और एहतियाती कार्रवाई के रूप में सैनिकों की तैनाती करेगी.
पेंटागन का ताजा कदम ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर सुलेमानी की मौत के बाद आया है. हवाई हमले में सुलेमानी के साथ इराकी मिलिशिया के कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी मारे गए. बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हवाई हमले में दोनों मारे गए. ईरान के सर्वोच्च नेता अयासुल्ला अली खामेनी और राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका से मेजर जनरल की मौत का बदला लेने और उसे करारा जवाब देने का संकल्प लिया है.