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अयोध्या में जमीन पर फैसला सुनाने से पहले कोर्ट बाबरी विध्वंस पर फैसला सुनाए: दीपांकर भट्टाचार्य

 

 

रांची। भाकपा -माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अयोध्या में जमीन पर फैसला सुनाने से पहले कोर्ट बाबरी विध्वंस पर फैसला सुनाए। उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित फैसला किसी पक्ष में आता है तो वहां विधि व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। भट्टाचार्य रविवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में 12 से 15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके लिए वामदलों के साथ-साथ अन्य पार्टियों से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। भट्टाचार्य ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड में पांच चरण में चुनाव होना सरकार की गलत रिपोर्ट की वजह का परिणाम है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र झारखंड से चार गुना बड़ा है। बावजूद इसके वहां एक चरण में चुनाव कराया गया।

उन्होंने कहा कि इसका मतलब राज्य सरकार उग्रवाद और अपराध पर अंकुश लगाने में विफल है। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव में जाकर सरकार की मंशा को स्पष्ट करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को दो दिवसीय केंद्रीय पोलित ब्यूरो की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया है कि पार्टी एनआरसी के डिटेंशन कैंप को लेकर 6 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करेगी।

असम में 27 लोगों की मौत डिटेंशन कैंप में हो गई थी इसमें दो दलित भी शामिल थे। इस अभियान में पार्टी डिटेंशन कैंप बंद करने का नारा देगी। वहीं 17 अट्ठारह नवंबर को पार्टी की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। इसमें महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के किए गए वादे बेरोजगारी और किसानों का मुद्दा से मुकर ने की बात को जनता तक पहुंचाया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।