कुछ मुद्दे ऐसे होते है जो सुलझने के बजाए और उलझते हुए नज़र आते रहते हैं, ऐसा ही एक मामला है तीन तलाक का…
तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के सामने महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की शर्त रख कर पीएम नरेंद्र मोदी के दांव पर पानी फेर दिया है.
दरअसल, पीएम मोदी लगातार तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा समर्थन नहीं दिए जाने को लेकर निशाना साधते रहे हैं.
हाल ही में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पर समर्थन व्यक्त करते हुए इसे पारित कराने का आग्रह किया था.
उनके पत्र पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी उन्हें एक पत्र लिखा और तीन तलाक व निकाह हलाला संबंधी विधेयकों को पारित कराने में सहयोग की मांग की थी.
तीन तलाक का उलझा मामला
अब कांग्रेस ने उनकी ये बात भी मान ली है और शर्त के साथ तीन तलाक बिल पर समर्थन देने का ऐलान किया है. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि अगर सरकार तीन तलाक विरोधी विधेयक में महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान करती है तो कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन जरूर करेगी.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक के लिए तीन तलाक़ विधेयक की शर्त रखकर ‘सौदेबाजी’ कर रही है. सुष्मिता देव ने कहा, ‘हम तीन तलाक विरोधी विधेयक के खिलाफ में कभी नहीं थे. लेकिन विधेयक का मौजूदा स्वरूप मुस्लिम महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला है.
इसमें पीड़ित महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान होना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘महिला के गुजारा भत्ता के लिए मैंने लोकसभा में संशोधन पेश किया था लेकिन वह पारित नहीं हो सका. अगर यह संशोधन स्वीकार कर लिया जाता है तो हम इस विधेयक का बिल्कुल समर्थन करेंगे.’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘विधेयक का मकसद यही है कि मुस्लिम महिला को न्याय मिले और तीन तलाक पर अंकुश लगे. लेकिन पति जेल चला जायेगा तो महिला की जीविका का क्या होगा. इस पहलू पर हमें ध्यान देना होगा.’