नई दिल्ली। भारत इतिहास रचने से बस कुछ घंटे की दूरी पर है। रात के 1.30 बजते ही इसरो दुनिया के सामने कीर्तिमान रच देगा और भारत का नाम दुनिया में रौशन कर देगा। आधी रात को सबकी आंखे होंगी हमारे वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी उपलब्धि को ओर क्यूंकि बीते दो दिन से चंद्रमा के चारों ओर 35 किमी की ऊंचाई पर मंडरा रहा हिंदुस्तानी चंद्रयान-2 छह और सात सितंबर के मध्य रात चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा।
ज़ाहिर सी बात है कि इस ऐतिहासिक सफलता से उत्साहित हमारे वैज्ञानिकों सहित सरकार और करोड़ों दिलों की धड़कनें तेज होने लगी हैं। लगभग 978 करोड़ की लागत वाले इस मिशन में 1471 किलो के लैंडर ‘विक्रम’ की अगर सॉफ्ट लैंडिंग सफल रही तो भारत ऐसा करने वाले दुनिया के चार देशों में शामिल हो जाएगा। इसके पहले ये उपलब्धि अमेरिका, रूस और चीन के खाते में दर्ज है।
बंगलूरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान में खुद पीएम नरेंद्र मोदी 70 स्कूली बच्चों के साथ इस गौरवशाली इतिहास को बनते लाइव देखेंगे और तय प्रोग्राम के मुताबिक पहले रोवर ‘प्रज्ञान’ को बूस्टर प्रोपल्शन सिस्टम की मदद से लैंडिंग के लिए तैयार किया जाएगा उसके बाद लगभग डेढ़ बजे विक्रम को दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा।आपको यहां बताना जरूरी है कि ध्रुव के इस हिस्से में आजतक किसी भी देश ने लैंडिंग में कामयाबी नहीं पाई है ।
इसके बाद वो लम्हा भी आएगा जब 5 से 6 बजे के बीच छह पहिये और 27 किलो वजनी प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर 500 मीटर चलेगाऔर तब एक ऐसा भी दृश्य होगा जिसपर हर भारतीय का सीना गर्व से सचमुच 56 इंच का हो जाएगा क्योंकि यही वो पल होगा जब 6 पहियों पर उकेरा गया हिंदुस्तान का राष्ट्रचिह्न चांद की सतह पर कामयाबी की शक्ल में अपनी मोहर लगा देगा। तो आप भी हो जाइए तैयार अपनी आंखों से वो इतिहास बनते जो आने वाली कई पीढ़ियों के लिए यादगार बन जाएगा।
(साभार : मिशन मेरा गांव डॉट ओआरजी)