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पंजाब में राजनीतिक उठापटक के बीच दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने यह खबर दी है। इस खबर के सामने आने के बाद सियासी अटकलों का बाजार और गर्म हो चुका है। यह बात तो जगजाहिर है कि पंजाब में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू की राजनीतिक बल्लेबाजी ‘कैप्टन’को रास नहीं आ रही है। इसको लेकर वह मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी कर चुके हैं। वहां से उन्हें हद में रहकर काम करने की नसीहत भी मिल चुकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री के साथ कैप्टन की संभावित मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
Punjab CM Captain Amarinder Singh likely to meet PM Modi in Delhi tomorrow: Sources
(File photos) pic.twitter.com/Tv6GHjjAOo
— ANI (@ANI) August 10, 2021
लगातार हमलावर हैं सिद्धू
गौरतलब है कि पंजाब में अमरिंदर सिंह की पोजीशन लगातार कमजोर होती जा रही है। कहने के लिए तो वह मुख्यमंत्री हैं, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के वहां बतौर मुखिया कांग्रेस की कमान संभालने के बाद उनकी चलती नहीं दिख रही है। वहीं सिद्धू गाहे-बगाहे अपनी ही सरकार पर निशाना साधे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने फिर से टि्वटर पर अमरिंदर सिंह सरकार पर हमला किया। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ड्रग के कारेाबार के दोषियों को सजा देना 18 प्वाइंट्स के एजेंडे के तहत कांग्रेस की प्राथमिकता रही है. मजीठिया पर क्या कार्रवाई की गई. यदि और देर हुई तो हम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे।’
क्या रंग लाएगी मुलाकात, अमित शाह से भी की है बात
ऐसे माहौल में कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात क्या रंग लाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। वैसे मंगलवार को अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उनसे किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा प्रभावों का हवाला देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की। सीएम कार्यालय से जारी बयान के अनुसार सिंह ने पंजाब के सीमावर्ती राज्य होने का हवाला देते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी ताकतों से बचाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 25 कंपनियां तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए ड्रोनरोधी उपकरणों की भी मांग की। उन्होंने हिंदू मंदिरों, प्रमुख किसान नेताओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालयों, आरएसएस-भाजपा के नेताओं को निशाना बनाये जाने की आशंका का भी हवाला दिया।
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