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World BiPolar Day:बाईपोलर डिसआर्डर का इलाज़ है संभव,बचें झाड़ फूंक से

लखनऊ|

आज बाइपोलर डे पर आईएमए भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बाइपोलर डिसीज़ के बारे में चर्चा हुई और लोगों जागरूक किया गया.

दिमाग की बड़ी बीमारी है बाईपोलर डिसआर्डर

  • आईएमए भवन में पत्रकार वार्ता में डॉ अलीम ने बताया कि बाईपोलर डिसआर्डर दिमाग एक बड़ी बीमारी है। इसमें डिप्रेशन (अत्यधिक उदासी) और उन्माद (मैनिया) के मनोस्थिति बदलने वाले लक्षण होते है।
  • डिप्रेशन में बहुत ज़्यादा उदासीए कमजोरी थकानए निगेटिव विचार आनाए कोई उम्मीद न दिखनाए लगना कि पूरी तरह से बर्बाद हो गये है और जीने से अच्छा सुसाइड करलें और बहुत से मरीज़्ा ऐसा कर भी लेते है।नींद न आना, भूख न लगना यौन इच्छा खत्म हो जाना।
  • उन्माद (मैनिया) में अत्यधिक और बगैर जरूरत खुश रहना बड़ी बड़ी बातें करना ओर प्लान बनाना जो कि असल में सम्भव न हो बहुत ज्यादा ताकत महसूस करनाए गुस्सा मारपीट करनाए बहस करनाए अपने आपको सबसे बड़ा आदमी समझना।
  • सौ में से एक लोग को ये बीमारी होती है आमतौर पर बीस साल के आसपास शुरू होती है वैसे कभी भी हो सकती है।
  • अनुवांशिक गुण;ळमदमजपबेद्ध नशा एवं शराब का सेवन और अत्यधिक तनाव से इस की होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

इलाज संभव है

  • इसका बहुत ही सफल इलाज मौजूद है जो बहुत महंगा भी नहीं होता है दवायें बिना डाक्टर के पूछे बन्द नहीं करना चाहिए, चाहे लक्षण काबू में आ चुके हो ।
  • जल्दी इलाज करने से इलाज आसान होता है और कम दवा मे असर होता है।
  • ये कोई भूत प्रेत या झाड़ फूंक वाली समस्या नहीं है। दिमाग की एक बीमारी है जो किसी को भी कभी भी हो सकती है। इस बीमारी का मज़ाक न बनाए मरीज को उपचार चाहिए तिरस्कार नहीं।

इस प्रेस कांफ्रेंस में डॉ जे डी रावत और डॉ जी पी सिंह ने भी बाइपोलर डिसीज़ के बारे में जागरूक किया.