Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

गांधी जयंती पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन का बड़ा कदम, नजरबंद नेताओं…..

नई दिल्लीः धारा 370 हटाने के बाद एहतियात के तौर पर नजरबंद किए गए नेताओं को लेकर गांधी जयंती के अवसर पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। गांधी जयंती पर प्रशासन ने जम्मू में कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है।

बता दें कि जम्मू में नजरबंद किए गए सभी विपक्षी दलों के नेताओं के ऊपर से नजरबंदी हटा दी गई है। जिन नेताओं के ऊपर से नजरबंदी हटाई गई है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के कई नेता शामिल हैं। मालूम हो कि पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था।

चौधरी लाल सिंह के अलावा जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई गई है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह के नाम शामिल हैं। इन नेताओं को 5 अगस्त से नजरबंद कर लिया गया था।

काबिलेगौर है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था और राज्य को 2 हिस्से में बांटते हुए अनुच्छेद 370 को भी निष्प्रभावी कर दिया था। सरकार ने इस फैसले के साथ ही राज्य के कई विपक्षी नेताओं को नजरबंद भी कर लिया था।

अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को नजरबंद किया था। लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया था। चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई।

सिर्फ जम्मू ही नहीं कश्मीर के भी कई नेताओं को नजरबंद किया गया था। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेता शामिल थे वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर घाटी में लोगों को कैद किया जा रहा है।