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प्राइवेट लैब की बड़ी गड़बड़ी, 35 लोगों की नेगेटिव रिपोर्ट को बता रहे कोरोना पॉजिटिव

 कोरोना काल में भी कुछ प्राइवेट लैब अपने कमाई के धंधे को चमकाने में लगे हुए है। कुछ प्राइवेट लैब गलत तरीके से लोगों को सैंपल इकट्टा कर रहे हैं और फिर उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया जा रहा है। ये लैब कुछ रुपयों के लिए आईसीएमआर की गाइडलाइन को दरकिनार कर रहे हैं। साथ ही लोगों की जिंदगी भी खतरे में डाल रहे हैं।

दिल्ली से सटे नोएडा की एक प्राइवेट लैब ने 35 लोगों की कोरोना वायरस की जांच की। उन्हें हल्के बुखार, खांसी और ज़ुखाम की शिकायत थी। सभी इलाज के लिए नजदीकी प्राइवेट डॉक्टर्स के पास गए, वहां उन्हें कोरोना टेस्ट की सलाह दी गई। इसके बाद इन्होंने प्राइवेट लैब से टेस्ट कराया, तो इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन जब सरकारी लैब में जांच की गई तो उन्हीं लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई।

सीएमओ डॉक्टर दीपक ओहरी ने बताया, ऐसी लैब्स की जांच कर रहे हैं और इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस लैब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।

सीएमओ ने बताया, ‘यह लैब आईसीएमआर की गाइडलाइंस भी पालन नहीं कर रही है। हमने देखा है कि हरियाणा-गुड़गांव से भी छोटी-छोटी लैब हैं जिससे कि जो रिपोर्ट आ रही हैं, वह गलत आ रही है। इसमें सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी ऐसी कुछ लैब्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई हैं।’

दरअसल, कुछ प्राइवेट लैब वाले गलत तरीके से सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं। उन्होंने सैंपल का टेम्परेचर मेंटेन नहीं किया। जिस वजह से उन्होंने कोरोना नेगेटिव को कोरोना पॉजिटिव दिखा दिया। ये प्राइवेट लैब वाले लोगों से कोरोना टेस्ट की मोटी रकम भी वसूलते हैं। बावजूद इसके लोगों के गलत सैंपल इकट्ठे किए जा रहे हैं, उनकी गलत रिपोर्ट दिखाई जा रही है और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।