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2019 की चुनावी लड़ाई से पहले सामने आया कांग्रेस का अंतर द्वन्द 

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर खीरी।

सोशल मीडिया पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह का इस्तीफा वायरल हो जाने के बाद जिलेभर में कांग्रेस संगठन को लेकर सियासत गरमा गई। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कहना है। कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व सांसद वरिष्ठ नेता जफर अली नकवी कभी एक मंच पर नहीं आते। दोनों में अंदरूनी जंग चल रही है। जिसके कारण जिला संगठन खुलकर काम नहीं कर पा रहा है। प्रदेश संगठन दोनों नेताओ का यह झगड़ा खत्म कराये, अन्यथा वह जिलाध्यक्ष की कुर्सी नही संभाल पाएंगे। वह सिर्फ कार्यकर्ताओं की भांति काम करेंगे और यदि सुधार न लाया गया तो उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया जाए। हालांकि जिलाध्यक्ष ने कहा है कि सोशल मीडिया पर उन्होंने इसे वायरल नहीं किया है। उन्होंने संगठन के हित में हमेशा काम करने की बात कही है। इस लिये उन्होंने इन विवादों के लिये शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट भेजी है।

बताते चलें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की दोनों सीटें हारने और विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद भी पार्टी दोनों सीट भी नहीं जीत सकी। जिलाअध्यक्ष का इस्तीफा वायरल होने के बाद इसके पीछे कहीं न कहीं पार्टी के दो दिग्गज नेताओं की जंग प्रतीत हो रही है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के बोल मिले-जुले हैं। कुछ का कहना है कि जिलाध्यक्ष अपनी मनमानी करना चाहते हैं, तो कुछ का कहना है कि पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेता सुलझे हुए हैं। इसमें कोई भी विरोध नहीं है और ना ही दोनों नेता संगठन के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं। लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस जिले की दोनों सीटों पर जीती थी। खीरी से वरिष्ठ नेता जफर अली और धौरहरा से जितिन जीते थे। जितिन को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। हालांकि इसके बाद दोनों नेता कभी एक मंच पर नहीं दिखे। पार्टी के आवाहन पर होने वाले आंदोलन को दोनों नेताओं ने अलग-अलग रहकर   अपने-अपने तरीके से संभाला  है। कुल मिलाकर जहां भाजपा 2019 की तैयारी को लेकर हर तरफ अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करने में लगी है। वहीं कांग्रेस की यह लड़ाई उसके खुद के नुकसान की वजह बन सकती है।