अजान के मुकाबले हनुमान चालीसा का पाठ फ्रंट पर कोई और कर रहा है, निशाने पर कोई और है. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शुरू हुआ ये कैंपेन यूपी पहुंच चुका है – और आंच अखिलेश यादव तक पहुंचने लगी है.
हनुमान चालीसा का जो इस्तेमाल होने लगा है, सबसे ज्यादा खुशी तो अरविंद केजरीवाल को ही हो रही होगी. ये हनुमान चालीसा ही है जिसे टीवी पर पढ़ने के बाद AAP नेता के मुंह से ‘जय श्रीराम’ निकलने लगा. वैसे भी माना तो यही जाता है कि राम तक पहुंचने के लिए पहले हनुमान के पास शरणागत होना पड़ता है.
शिवसेना ने तो राज ठाकरे को बीजेपी का लाउडस्पीकर ही करार दिया है। शिवसेना का ये रिएक्शन राज ठाकरे की राजनीतिक मंशा की आशंका में ही लगता है. वैसे महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात भी इशारे तो ऐसे ही कर रहे हैं. निशाने पर तो उद्धव ठाकरे की सरकार ही है.
राज ठाकरे की अजान के मुकाबले लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ने की मुहिम महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश और गोवा तक पहुंच चुकी है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तो घरों पर ही लाउडस्पीकर लगाने की मुहिम शुरू हो गयी है – और तपिश इतनी है कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव तक को झुलसा सकती है. आखिर आजम खान के नाम पर यूपी में जो मुस्लिम पॉलिटिक्स की आवाज सुनी जा रही है, वो भी अखिलेश यादव के खिलाफ ही है।