Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

अयोध्या से नेपाल के जनकपुर तक का मार्ग होगा विकसित : योगी

 

मुख्यमंत्री योगी से नेपाल के राजदूत ने की मुलाकात

लखनऊ। नेपाल के राजदूत नीलाम्बर आचार्य ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र सरकार अयोध्या से नेपाल के जनकपुर तक के राम जानकी मार्ग को विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि यह मार्ग भगवान श्रीराम जी की जन्म स्थली को नेपाल में मां जानकी के जन्म स्थल को जोड़ता है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत और नेपाल के हमेशा से प्रगाढ़ सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहे हैं। दोनों देशों की साझी परम्परा और संस्कृति है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत नेपाल सम्बन्धों को नया आयाम दिया है। वे सदैव दोनों देशों के सम्बन्धों को सुदृढ़ बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। सम्बन्धों की दृढ़ता दोनों देशों को प्रगति के मार्ग पर ले जाएगी।

मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच व्यापार, पर्यटन आदि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर नेपाल के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन भरत कुमार रेगमी, प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ. अनूप चन्द्र पाण्डेय सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

योगी ने कहा कि नेपाल का व्यक्ति भारत के लिए परिवार के सदस्य की भांति है। भारत और नेपाल विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर कार्य कर सकते हैं। भारत तथा नेपाल के मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों में उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या और जनकपुर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए दोनों ही देशों में इन स्थानों के प्रति विशेष आदर व सम्मान है। यह हमारी विरासत के प्रतीक हैं। जिस प्रकार अयोध्या का जनकपुर से प्रगाढ़ सम्बन्ध है, उसी प्रकार काठमाण्डू तथा काशी का अटूट सम्बन्ध है। बड़ी संख्या में भारत के श्रद्धालु नेपाल जाकर पशुपतिनाथ और मुक्तिनाथ के दर्शन करते हैं।

इसी प्रकार, नेपालवासी तीर्थयात्रा एवं मन्दिरों के दर्शन के लिए भारत आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 के दौरान नेपाल से विशाल संख्या में श्रद्धालु आये थे। नेपालवासियों में महायोगी गुरु गोरखनाथ जी के प्रति भी अटूट श्रद्धा है। बड़ी संख्या में नेपाल के विद्यार्थी उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

गत वर्ष ‘विवाह पंचमी’ के अवसर पर अपनी जनकपुर, नेपाल यात्रा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें नामित किया गया था। नेपाल के निवासियों का भारत और उत्तर प्रदेश के प्रति विशेष लगाव और अपनत्व है। उन्होंने नेपाली चेम्बर ऑफ कामर्स तथा नेपाल मीडिया के प्रतिनिधिमण्डलों के साथ अपनी भेंट का भी उल्लेख किया।

आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अयोध्या, मथुरा, काशी और प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं। इनके अलावा, शक्तिपीठों की एक लम्बी श्रृंखला है। भगवान बुद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण स्थान भी हमारे राज्य में है। इसके दृष्टिगत, रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट तथा बौद्ध सर्किट का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 4-लेन राम-जानकी मार्ग पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। इस मार्ग के निर्मित हो जाने से परिवहन और आवागमन की सुविधा बढ़ेगी तथा दोनों राष्ट्रों के सम्बन्ध और प्रगाढ़ होंगे। राम-जानकी मार्ग से विकास की नई यात्रा आरम्भ होगी। अयोध्या एवं जनकपुर धाम के मध्य सीधी बस सेवा से श्रद्धालु लाभान्वित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारत-नेपाल सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के लिए दीर्घ अवधि व लघु अवधि के साथ-साथ तात्कालिक कदम उठाने आवश्यक हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए अच्छी सड़कों और सेतुओं की उपलब्धता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल बाॅर्डर से जुड़े मार्गों के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में नेपाल से आए पानी से प्रदेश का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ जाता है। इस आपदा के समाधान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत-नेपाल सीमा पर सोनौली, ठूठीबाड़ी आदि क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे।
इस मौके पर नेपाल के राजदूत नीलाम्बर आचार्य ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच विश्वास का सम्बन्ध है। दोनों देशों की सरकारें इस रिश्ते को आगे बढ़ा रही हैं। भारत और नेपाल की जनता के बीच आपसी और भावनात्मक रिश्ते हैं। हमें अपने रिश्तों को भविष्य में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।