सिरसा, 13 सितंबर।।(सतीश बंसल)
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण
केंद्रों की स्थापना के अंतर्गत मंगलवार को जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल में राज्य स्तरीय 140वें मनोवैज्ञानिक
परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल
अधिकारी अनिल मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।
राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि माता-पिता अपने जीवन के अनुभव और कहानियों के माध्यम से
बच्चों में सुरक्षा को लेकर आवश्यक रूप से जागरूक कर सकते हैं। उन्होंने किशोरावस्था के दौरान आत्मसम्मान
का निर्माण, चुनौतियों को अवसर में बदलना विषय पर एक सेमिनार के माध्यम से उपस्थित किशोर विद्यार्थियों
एवं उनके शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आत्मसम्मान मानव शरीर में अदृश्य महाशक्ति है जो
संबंधित इंसान को सबसे अलग बनाती है। आत्मा स्वाभिमानी व्यक्ति ही दूसरे व्यक्ति का सही महत्व समझता
है, आत्मसम्मान से ही हम स्वयं के महत्व को भी सही से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि परफेक्शन को भूलकर
हमेशा खुद में सुधार की तरफ कदम बढ़ाए, अपनी पहचान कायम करें और सरल तरीका यथार्थवादी वास्तविक
कार्य करके हम यह पहचान हासिल कर सकते हैं।
परामर्शदाता व आजीवन सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि बच्चों की वास्तविक स्थिति को समझ कर उनका उचित
मार्गदर्शन हर नागरिक की पहल होनी चाहिए। मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य के मद्देनजर बच्चों से निरंतर
संवाद किया जाना जरूरी है। स्कूल प्रिंसिपल अनुजा मेहता ने कहा कि सोशल मीडिया के प्रभाव वश आभासी
दुनिया के जाल से सुरक्षित बाल संरक्षण के उपाय के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं सार्थक सिद्ध होंगी यही
एक ऐसा माध्यम है जब बच्चों के वास्तविक हालात को समझा जा सकता है।
कार्यक्रम में हिसार मण्डल की बाल कल्याण अधिकारी कमलेश चाहर, जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम
नागपाल, चेयरमैन मुरारीलाल बंसल, उपप्रधान अजय शर्मा, सचिव कमल बंसल, प्रबंधक सुरेंद्र वर्मा एवं स्कूल
प्रशासक रजत मेहता व भूषण चावला मौजूद रहे।