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भारत के साथ ही इस देश ने भी घोषित किया था लॉकडाउन, लेकिन यहां पर काबू में आया कोरोना

कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन खत्म होने को है, लेकिन कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इसे देखते हुए 21 दनों के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने की वकालत की जा रही है क्योंकि हम अभी भी कोरोना पर काबू पाने में सफल नहीं हो पाए हैं, लेकिन भारत के साथ ही लॉक़डाउन की घोषणा करने वाला न्यूजीलैंड इस महामारी पर काबू पा चुका है।

दरअसल, भारत और न्यूजीलैंड ने एक ही दिन कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में लॉकडाउन का ऐलान किया था। न्यूजीलैंड ने एक तरह से कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है और इसके मामलों लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। दूसरी ओर भारत है, जहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तीव्र गति से बढ़ती ही जा रही है।

बीते एक सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में हर दिन कोरोना के मरीजों की संख्या में 500 से अधिक का इजाफा हो रहा है, वहीं न्यूजीलैंड में लगातार चौथे दिन मामलों में गिरावट देखने को मिली है। गुरुवार को न्यूजीलैंड में महज 29 नए मामले सामने आए हैं, वहीं भारत में यह आंकड़ा 590 के करीब था।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने चार सप्ताह के लॉकडाउन का ऐलान किया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च की रात आठ बजे देश के नाम संबोधन में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया है। भारत की तरह न्यूजीलैंड में भी सब कुछ बंद है, राशन, सब्जी, दवा की दुकानों को छोड़कर।

न्यूजीलैंड और भारत दोनों ही देश सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। दोनों देशों ने अपनी आबादी को घरों में कैद कर रखा है, ताकि कोरोना के प्रसार से बचा जाए, मगर बावजूद इसके भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 6400 पार है, वहीं न्यूजीलैंड में 1200 के करीब। दरअसल, न्यूजीलैंड ने अगर भारत के मुकाबले कोरोना पर इतनी जल्दी काबू पा लिया है तो इसकी एक और सबसे बड़ी वजह है उसकी आबादी।

न्यूजीलैंड की आबादी महज 50 लाख है, जो दिल्ली की जनसंख्या के करीब एक चौथाई ही है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या उसकी करीब 130 करोड़ जनसंख्या है। न्यूजीलैंड में जब 29 मामले दर्ज किए गए थे, तभी 19 मार्च को उसने विदेशियों की एंट्री पर बैन लगा दिया। हालांकि, भारत ने भी करीब 12 मार्च के आस-पास ही विदेशियों के एंट्री पर बैन लगा दिया था। मगर यहां एक बात गौर करने वाली है कि भारत में विदेशों से आने वाली की संख्या न्यूजीलैंड की तुलना में अधिक है।