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मुजफ्फरनगर दंगा : सभी 7 दोषियों को उम्रकैद, दो-दो लाख का जुर्माना

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के सभी सातों दोषियों को एक स्थानीय अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले अदालत ने इस मामले में मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जहांगीर, अफजल और इकबाल को छह फरवरी को दोषी ठहराया था। सभी दोषियों पर दंगों के दौरान 27 अगस्त 2013 को गौरव और सचिन नामक दो युवकों की हत्या और कवाल गांव में दंगे भड़काने का आरोप था। अदालत ने दोषियों पर दो-दो लाख रुपए जुर्माना भाी अदा करने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि में से 80 प्रतिशत मृतक सचिन और गौरव के परिजनों को मिलेगा।

बता दें कि वादी रविंद्र सिंह की के वकील अनिल जिंदल ने बताया कि कवाल में 27 अगस्त 2013 को बाइक से साइकिल टकराने के विवाद में भीड़ ने मलिकपुरा मजरे निवासी गौरव और सचिन की दिनदहाड़े मुख्य मार्ग पर निर्ममता से हत्या कर दी थी। मामले में गौरव के पिता रविंद्र सिंह की ओर से नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच के बाद विवेचनाधिकारी संपूर्णानंद तिवारी ने मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, जहांगीर और नदीम के खिलाफ 24 नवंबर 2013 आरोपपत्र कोर्ट में दिया था।

बाद में वादी रविंद्र सिंह और अन्य गवाह के बयान के आधार पर कोर्ट ने दो अन्य अभियुक्त अफजाल तथा इकबाल को भी हत्यारोपी के रूप में तलब किया था। इस तरह से सात अभियुक्तों के खिलाफ छह फरवरी को सप्तम अपर सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई थी। अभियोजन की ओर से एडीजीसी जितेंद्र त्यागी, अंजुम खान अब अशीष त्यागी व वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने कुल दस गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नासिर अली, कुंवरपाल सैनी व अन्य ने छह गवाहों के साक्ष्य कोर्ट में दिए।

सुनवाई के बाद सप्तम अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अपर सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने सभी सात अभियुक्तों कवाल निवासी मुजम्ममिल व मुजस्सिम पुत्रगण नसीम, फुरकान पुत्र फजल, जहांगीर व नदीम पुत्रगण सलीम, अफजाल व इकबाल पुत्रगण बुंदू को गौरव व सचिन की हत्या के आरोप में आईपीसी की धारा 147, 148, 302/149 में दोषी ठहराया था।