लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लोकसभा चुनाव नज़दीक आते ही भाजपा ने समाज को तोड़ने और तनाव पैदा करने की साजिशें तेज कर दी हैं। इसके लिए भाजपा नेता विवादास्पद बयान देकर प्रदेश में अशांति फैलाने और अराजक स्थिति पैदा करने में लग गए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने पुराने तरीके जाति-संप्रदाय की राजनीति को अपनाना शुरू किया है। तिल का ताड़ बनाने का यह काम संगठित तरीके से हो रहा है। जबकि जरूरत इस बात की है कि विकास को ही पूजा मानकर उसे प्राथमिकता में रखना चाहिए। भाजपा नेता यह समझने में भयंकर भूल कर रहे हैं कि बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाकर वे मतदाताओं को गुमराह करने में सफल हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। साथ ही जनसामान्य की जिंदगी को भी तबाह करने का काम किया है। उसकी प्राथमिकता में कभी गरीब, किसान, नौजवान नहीं रहे हैं इसलिए जनहित की कोई योजना भाजपा सरकारों ने लागू नहीं की है। भाजपा नेतृत्व को पता है कि नोटबंदी और जीएसटी से व्यापक स्तर पर अराजकता पैदा हुई है। व्यापार कारोबार में संकट है। नोटबंदी से न भ्रष्टाचार न तो आतंकियों पर रोक लगी, न पत्थरबाजी रूकी और नहीं कालाधन खत्म हुआ। घरेलू बचत भी इससे समाप्त हो गई। कई औद्योगिक संस्थानों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी भी हो गई। जनता को कोई राहत तो मिली नहीं उल्टे मंहगाई बढ़ गई। डीजल, ईंधन गैस, खाद, कीटनाशक, बीज के साथ दालें तक मंहगी हो गई। जनता की दिक्कतें हजार गुना बढ़ गईं। समाजवादी पार्टी की लोकप्रियता और ताकत में भाजपा जितने भी अवरोध पैदा करने की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोशिशें कर लें उसमें उसे सफलता मिलने वाली नहीं है।