वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों के लाभ तथा बैंलेस शीट में बुनियादी सुधार हो रहा है और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली निवेश के लिए ऋण की मांग को पूरा करने में सक्षम होगी।
शोध रिपोर्ट के मुताबिक, यह अवस्था साल 2018 में अर्थव्यवस्था के पूरी तरह पटरी पर लाने में सक्षम है और हमें उम्मीद है कि वास्तविक विकास दर 2017 के 6.4 फीसदी से बढ़कर 2018 में 7.5 फीसदी तथा उसके बाद 2019 में 7.7 फीसदी हो जाएगी।
वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी निजी पूंजीगत व्यय में तेजी के प्रति पूरी तरह आश्वस्त है, क्योंकि नोटबंदी तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद मांग में सुधार आया है। इसके अलावा, खपत तथा निर्यात दोनों में ही तेजी आई है और इससे कॉरपोरेट आय में सुधार होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की योजना से बैंकिंग प्रणाली से जुड़े संभावित जोखिम समाप्त होंगे, वृद्धि की गुंजाइश में सुधार होगा और निवेशकों व घरेलू कॉरपोरेट रुझान को बढ़ावा मिलेगा। इससे वृद्धि की रफ्तार तथा पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी, जिसकी हम उम्मीद कर रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार तथा खाद्य पदार्थों की कीमतें सामान्य होने से कुल महंगाई में तेजी आएगी। बेहतर बृहद आर्थिक परिदृश्य के मद्देनजर, हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नीतिगत दर में बढ़ोतरी कर सकता है। एजेंसी