सिरसा। ।।।( सतीश बंसल ) पर्युषण महापर्व आराधना के तहत जैन समाज की शासनश्री साध्वी सुमनश्री के सानिध्य में तेरापंथी जैन सभा के तत्वावधान में मंगलवार को ध्यान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री के नमस्कार महामंत्र के उच्चारण व महिला मंडल के तपस्या गीत से हुआ। साध्वी सुरेखा ने ध्यान का महत्व बताते हुए कहा कि ध्यान में अपनी आत्मा में लीन हो जाना, आत्मा को आत्मा द्वारा देखना, प्रेक्षाध्यान करना व कायोत्सर्ग करना आवश्यक है। साध्वी शालीनप्रभा ने ध्यानगीत का मधुर संगान किया। साध्वी सुमनश्री ने कहा कि ध्यान व तपस्या करने से अशुभ कर्मों की निर्जरा होती है। मन एकाग्र हो जाता है और आत्मा की उज्जवलता बढ़ती है। शासनश्री ने इस अवसर पर भगवान महावीर के पूर्व भवों के वर्णन के अंतर्गत नंदन भव का विस्तारपूर्वक वर्णन किया और अपने भावों की पवित्रता से तीर्थंकर गौत्र का वंदन किया। इस दौरान साध्वीश्री ने मोहित सुराणा की तपस्या की अनुमोदना की व उसे साधुवाद दिया। उनके परिजनों के साथ श्रद्धानिष्ठ श्रावक हनुमानमल गुजरानी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और उनकी तपस्या की अनुमोदना की। मंच संचालन सभा मंत्री राजेश पुगलिया ने किया। अंत में शासनसेवी पदम जैन, हरियाणा प्रांतीय सभाध्यक्ष मक्खनलाल गोयल, मास्टर बलवंतराय जैन, निवर्तमान अणुव्रत समिति अध्यक्ष चंपालाल जैन, महिला मंडल अध्यक्ष सुमन गुजरानी, मंत्री राजेश पुगलिया व शांतिलाल गोलछा सहित अनेक गणमान्य श्रावकों ने तपस्वी मोहित सुराणा के तपोभिनंदन के उपलक्ष्य में उन्हें पटका पहनाकर व साहित्य आदि प्रदान कर पूरे जैन समाज की ओर से सम्मानित किया।
ंसिरसा, 30 अगस्त