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पिछले दस वर्षों में असम राइफल्स के 89 जवानों ने की आत्महत्या

नोएडा। पिछले दस वर्षों में देश के सबसे पुराने पुलिस बल असम राइफल्स के 89 जवानों ने आत्महत्या की है। यह जानकारी नोएडा निवासी रंजन तोमर को गृह मंत्रालय से मांगी गई एक आरटीआई के जवाब में मिली है।

एक्टिविस्ट तोमर ने गृह मंत्रालय से आरटीआई के तहत पूछा था कि वर्ष 2009 से वर्ष 2019 के बीच में असम राइफल्स के कितने जवानों आत्महत्या की है। इतना ही नहीं और वह किस पद पर तैनात थे? आरटीआई से जो उत्तर आया वह चौंकाने वाला था। रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या करने वाले 89 सैनिक नायक, सूबेदार, जवान अथवा जूनियर कमीशंड अफसर जो की अधिकतर हवलदार इत्यादि के पद से पदोन्नत होकर आने वाले जवान थे।

रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा आत्महत्या वर्ष 2017 में थी। इस वर्ष 12 सैनिकों ने खुदकुशी की थी। वर्ष 2015 में 11, वर्ष 2014 में 11, जबकि वर्ष 2010 में दस सैनिकों ने आमहत्या की।

सेवानिृवत्त सेन्य अफसर शशि वैद्य के अनुसार जवानों को छुट्टी न मिलना, ज्यादा समय तक कठिन जगहों पर तैनाती, परिवार से लम्बे समय तक दूर रहना, बड़े अधिकारियों द्वारा काउंसलिंग न होना, पैसे की कमी, शादी में समस्या, घरेलू समस्याएं आदि इसका मुख्य कारण हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि आर्मी या अन्य संस्थाओं के मुकाबले असम राइफल्स की शांत स्थानों पर पोस्टिंग बहुत कम है। इनके नियम कानून, सुविधाएं भी अलग हैं, आर्मी से इसकी तुलना नहीं कर सकते। सरकार को इस बारे में कुछ सोचना चाहिए और एक कमिशन या कमेटी बनानी चाहिए जो उनकी समस्याओं को समझे व समाधान करें।

किस साल कितने जवानों ने की आत्महत्या

वर्ष 2009 : 8
वर्ष 2010 : 10
वर्ष 2011 : 10
वर्ष 2012 : 4
वर्ष 2013 : 8
वर्ष 2014 : 11
वर्ष 2015 : 11
वर्ष 2016 : 5
वर्ष 2017 : 12
वर्ष 2018 : 5
वर्ष 2019 : (मई माह तक) 5 जवानों ने आत्महत्या की है।