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नए साल के जश्न के लिए तैयार दुधवा नेशनल पार्क,बढेगी सैलानियों के लिए सहूलियत

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
प्रदेश का एक मात्र दुधवा नेशनल पार्क सैलानियों के लिए इस बार नये साल के जश्न के लिये फिर सज संवर कर तैयार है। बीती 15 नवंबर से शुरू हुये। पर्यटन सत्र का लगभग सवा माह बीत चुका है। दुधवा नेशनल पार्क आज भी उसी अंदाज में सैलानियों के स्वागत करने के लिए आतुर है। हालांकि कि इस नए पर्यटन सत्र में पार्क प्रशासन ने सैलानियों की तादात को बढ़ता देख काफी तैयारियां की थी। साथ ही दूर-दराज से दुधवा की सैर करने वाले सैलानियों की जेब पर भी खासा असर न पड़े इसका भी ध्यान पार्क प्रशासन द्वारा रखा गया।
  दुधवा टाइगर रिजर्व के उप निदेशक महावीर कौंजलगि ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व के घने जंगल में स्वछंद विचरण कर रहे वन्यजीव नय साल का जश्नम मनाने आने वाले पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि दुधवा का 440 वर्ग किलोमीटर व किशनपुर वन बिहार का 220 वर्ग किलोमीटर का कोर एरिया के रास्तों को सही कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व में लगभग 79 हजार हेक्टेयर में बफर जोन है। उन्होंने यह भी बताया कि यह दुधवा नेशनल पार्क में गैंडा, बाघ, हिरन की विभिन्न प्रजातियां, भालू, लेपर्ड, अजगर सहित विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों के लिए प्रदेश व देश ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां पर प्रतिवर्ष देश व विदेशों के हजारों सैलानी दुधवा नेशनल पार्क में स्वच्छंद विचरण कर रहे वन्यजीवों को निहारने के लिए यहां आते हैं। और घने जंगलों का आनंद ले कर पुनः यहां आने की मंशा अपने दिल में संजोए वापस जाते हैं। इस बार दुधवा के नवीन पर्यटन सत्र में सैलानियों के लिए विशेष तैयारियां की गई थी। ताकि देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को किसी भी असुविधा का सामना ना करना पड़े।

बुकिंग दरें

कॉटेज : 3000 रुपये (एक रात्रि, दो भारतीयों के लिए), 2000 रुपये (एक रात्रि, एक भारतीय के लिए), 4800 रुपये (एक रात्रि, दो विदेशियों के लिए), 3000 रुपये (एक रात्रि, एक विदेशी के लिए)

डॉरमेट्री : 10,000 रुपये (दस बेड की भारतीयों के लिए), 18500 रुपये (दस बेड की विदेशियों के लिए)
इंट्री फीस : 100 रुपये प्रति व्यक्ति, प्रति शिफ्ट।

सफारी रेट : 2000 प्रति गाड़ी (गाइड व वाहन इंट्री फीस शामिल)

घूमने का समय

  • सर्दियों में सुबह सात से नौ बजे तक और शाम को तीन बजे से सूर्यास्त तक।
  • गर्मियों में सुबह छह बजे से नौ बजे तक और शाम को तीन बजे से सूर्यास्त तक।

कैसे पहुंचे दुधवा

लखनऊ से वाया सीतापुर, लखीमपुर, पलिया होते हुए दुधवा तक का 250 किमी का सड़क मार्ग।

ऑनलाइन करें रिज़र्व

दुधवा पर्यटन परिसर में विशेष सुविधाओं से लैस 14 हट सैलानियों के विश्राम को तैयार थे। जिन्हें अभी भी आनलाइन आरक्षित कराया जा सकता है। जिनका एक दिन का किराया तीन हजार रूपए है। जिसमें सुबह का नाश्ता भी शामिल है। इसके अतिरिक्त दुधवा में ही वीवीआईपी छह कक्षों का रेस्ट हाउस भी है। जिसे वन्य जीव प्रतिपालक के लखनऊ स्थित कार्यालय से आरक्षित कराया जा सकता है। इसमें ऊपर के कक्षों का किराया 15 सौ रूपए तथा नीचे के कक्षों का किराया छह सौ रूपए निर्धारित है। वहीं 20 बेड की सुविधा युक्त डारमेट्री भी उपलब्ध है। जिसमें एक बेड का किराया एक हजार रूपए निर्धारित किया गया है। इसके अलावा सोनारीपुर में चार कक्ष, सोठियाना में चार कक्ष व किशनपुर में भी दो कक्ष हैं, जिन्हें सैलानी आरक्षित करा सकते है।