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51 हजार रूपए नहीं दिए तो चौखट पर नहीं आई बारात

देव श्रीवास्तव|
लखीमपुर-खीरी।

  • जनाती करते रहे इंतजार, शादी के समय दूल्हे ने बारात लाने से किया मना

  • दहेज रूपी दानव ने एक घर बसने से पहले ही उजाड़ दिया

सिधी को घर छोड़ने का जितना मलाल था, उतना ही उत्साह ससुराल जाने का भी था। कई दिनों से इंतजार करते-करते आखिर वह निर्धारित तिथि पांच मई भी आ गई। घर में शादी की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी थी। घर पर मेहमानों का आना भी शुरू हो गया था। दिन के ढलते ही आंखों में ससुराल के सपने संजोए सिधी दूल्हे के इंतजार में थी। तभी आए एक फोन ने उसके इन सपनों को बिखेर कर रख दिया। फोन किसी और का नहीं, बल्कि दूल्हे पक्ष की तरफ से आया था, फोन पर वधू पक्ष को बताया गया कि उन्होंने 51 हजार रूपए नहीं दिए, इसलिए अब वह उनकी चौखट पर बारात नहीं लाएंगे।


बताते चलें कि मितौली थाना क्षेत्र के गरगटिया निवासी दिनेश अवस्थी की पुत्री सिधी अवस्थी का विवाह पड़ोसी जनपद सीतापुर के केसरीगंज गांव के अनुभव मिश्र पुत्र अशोक मिश्र से तय हुआ था। तिथि के अनुसार बीते शनिवार को उसका विवाह भी था। शादी की लगभग सारी तैयारियां भी पूरी हो चुकी थी। रात करीब दस बजे जब बारात का इंतजार किया जा रहा था, तभी दुल्हन बनी सिधी के पिता दिनेश अवस्थी के पास वर वक्ष की तरफ से फोन आया, फोन पर दूल्हे के परिजनों ने दहेज के 51 हजार रूपए न मिलने पर बारात उनके चौखट पर लाने को मना कर दिया। बारात लाने से मना करने पर दिनेश के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने वर पक्ष से काफी मिन्नतें की, लेकिन वह नहीं मानें। उधर बारात न आने से गांव में सन्नाटा पसर गया, वहीं सिधी भी गुमशुम हो गई। इस घटना में एक बार फिर दहेज रूपी दानव ने एक घर को बसने से पहले ही उजाड़ दिया, जिससे ग्रामवासियों में भी काफी रोष नजर आया। दिनेश ने बताया कि उसकी पुत्री का विवाह जिस लड़के के साथ तय हुआ था, उसके माता-पिता नहीं है। उसकी शादी उसके ताऊ-ताई करा रहे थे, वह लोग तिलक के बाद से लगातार 51 हजार रूपए की मांग कर रहे थे। मांग न पूरी होने पर वह बारात लेकर नहीं आए। फिलहाल पीड़ित पक्ष की ओर से अनुभव अवस्थी सहित छह लोगों पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।