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जम्मू में 250 मुस्लिम परिवार अपनाएंगे बौद्ध एवं हिन्दू धर्म

नई दिल्ली। भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने बुधवार को कहा कि 250 मुस्लिम परिवारों ने धर्म त्याग कर वापस अपने धर्म में लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 40-45 साल पहले पंजाब से वाल्मीकि समाज के लोग जम्मू—कश्मीर में रोजी-रोटी की तलाश में गए थे लेकिन कट्टरवादी ताकतों ने उनको मुस्लिम धर्म अपनाने पर मजबूर कर दिया। वहां उनकी हालत बद से बदतर हो गई। उनको दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाने लगा। वे सब दोबारा अब बौद्ध व हिन्दू धर्म में वापस लौटेंगे।

राहुल ने बताया कि मुस्लिम होने के बावजूद वहां के लोग उनसे रोटी-बेटी का सम्बन्ध नहीं रखते थे उन्हें मस्जिदों में भी नहीं जाने दिया जाता था। वहां उनको केवल चतुर्थ श्रेणी के कार्यों को करने के लिए रखा जाता था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू—कश्मीर में इन लोगों की जाति जिंदगी में सुधार आएगा, जिसका श्रेय पीएम नरेन्द्र मोदी को जाता है। अब कश्मीर में उनको बराबरी का अधिकार होगा। रोजगार के अवसर मिलेंगे और सरकारी नौकरियों में बराबर की भागीदारी होगी। इसलिए ही 250 परिवारों ने मुस्लिम धर्म त्याग कर वापस अपने धर्म में लौटने का निर्णय लिया है। ये सभी लोग 14 अक्टूबर को जम्मू में हिन्दू और बौद्ध धर्म भारतीय बौद्ध संघ के नेतृत्व में ग्रहण करेंगे, जिसकी अध्यक्षता भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल जी करेंगे।