मुंबई| साल 2017 में करीब 30 लाख निजी और वाणिज्यिक ड्रोन्स की बिक्री होगी तथा इसका राजस्व 34 फीसदी की वृद्धि के सात 6 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और साल 2020 तक ड्रोन का कारोबार बढ़कर 11.2 अरब डॉलर का हो जाएगा। मार्केट रिसर्च फर्म गार्टनर ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इसमें बताया गया कि लोग सेल्फी और अन्य तस्वीरें खींचने के लिए स्मार्टफोन के एक्सटेंसन के तौर पर ड्रोन की खरीदारी करेंगे और इसकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जाएगी।
ये ड्रोन छोटी दूरी तक और सीमित समय तक ही उड़ान भर सकते हैं जोकि सामान्यत: 5 किलोमीटर के दायरे में एक घंटे तक की होती है तथा इनकी ऊंचाई 500 मीटर से कम ही होती है।
गार्टनर के वरिष्ठ शोध विश्लेषक गेराल्ड वान होय ने बताया, “वाणिज्यिक और निजी ड्रोन का बाजार तेजी से एक-दूसरे में समा रहा है। क्योंकि कम कीमत वाली निजी ड्रोन का प्रयोग वाणिज्यिक उपक्रम कर रहे हैं।”
वाणिज्यिक ड्रोन ज्यादा वजन उठा सकते हैं, उनके उड़ने का समय अधिक होता है और वे बेहतर सेंसर और कंट्रोलरयुक्त होते हैं, इसलिए ज्यादा सुरक्षित होते हैं। उन्हें विशेष रूप से किसी खास कार्य के लिए बनाया जाता है, जैसे मैपिंग, डिलीवरी या औद्योगिक जांच आदि के लिए। इसलिए इनकी कीमतें फीचर्स के आधार पर तय की जाती है।