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संभल में सिपाहियों की हत्या कर फरार हुए बंदियों पर ढाई-ढाई लाख का इनाम घोषित

 

संभल। चन्दौसी के बनियाठेर थाना क्षेत्र में दो सिपाहियों की हत्या कर तीन बंदियों के फरार होने की घटना में पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। मामले की जांच के लिए एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश टीम के साथ संभल पहुंचे। वहीं पुलिस महानिदेशक ने तीनों फरार बंदियों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।

एसटीएफ की टीम मामले की गहराई से पड़ताल में जुट गई है। वारदात को लेकर हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटायी जा रही है, जिससे फरार कैदियों की धड़पकड़ की जा सके। फरार कैदियों में कमल, शकील और धर्मपाल हैं। कमल और शकील बहजोई थाना क्षेत्र के गांव रम्पुरा के रहने वाले हैं। दोनों बहजोई थाने में वर्ष 2014 में दर्ज आईपीसी 328/364ए के मुकदमे में जेल में बंद थे। वहीं धर्मपाल बहजोई के गांव भरतपुर का रहने वाला है। वह बहजोई के ही 2011 के 392/120 बी के मुकदमे में जेल में बंद था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बदमाशों की तलाश में लगातार कांबिंग जा रही है। इस दुस्साहसिक वारदात के बाद पूरे मंडल में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

वहीं एडीजी जोन अविनाश चन्द्र ने शहीद पुलिस कर्मियों को भावविहीन श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। श्रद्धांजलि देने के बाद शवों को उनके घरों के लिए रवाना कर दिया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने प्रत्येक शहीद पुलिसकर्मी की पत्नी को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दिए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

इस बीच शहीद हुये पुलिसकर्मियों का शव एंबुलेंस के बजाय लोडर वाहन से ले जाने को लेकर लोगों ने नाराजगी जतायी है। सोशल मीडिया पर भी गुरुवार को लोग इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहे। इसमें शहीद सिपाहियों को शवों को बिना कपड़े से ढके इस तरह खुले तरीके से वाहन में ले जाने को उन्होंने गलत ठहराया। वहीं जिस पुलिस वाहन में हादसा हुआ, उसको धक्का देकर स्टार्ट करने का वीडियो वायरल होने पर भी लोग नाराजगी व्यक्त ​करते दिखे।

गौरतलब है कि चंदौसी अदालत में बुधवार को पेशी के बाद मुरादाबाद जेल लौटते समय बनियाठेर थाना क्षेत्र में पुलिस वाहन में सवार तीन बंदियों बहजोई थाना इलाके के रम्पुरा गांव निवासी शकील और कमल तथा बहजोई के ही भरतपुर निवासी धर्मपाल ने अचानक सिपाहियों ब्रजपाल व हरेंद्र की आंख में मिर्ची पाउडर झोंक दिया। इसके बाद वह ग्रिल टेढ़ी करके भागने की कोशिश करने लगे।

दोनों सिपाहियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो अपराधियों ने उन पर तमंचों से फायर किया और घायल सिपाही की राइफल भी छीन ली। फायरिंग की आवाज सुनकर पुलिस चालक ने वाहन रोका और आगे बैठे उपनिरीक्षक व सिपाही उतरकर पीछे की तरफ भागे। इसी दौरान तीनों कैदियों ने वाहन का दरवाजा लात मारकर तोड़ दिया और शकील, कमल व धर्मपाल उतरकर फायरिंग करते हुए जंगल की ओर फरार हो गये।

वारदात में दो सिपाही हरेंद्र और ब्रजपाल की मौत हो गई। दोनों सिपाही मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले हैं। उनकी ड्यूटी मुरादाबाद जेल से बन्दियों को ले जाने वाले पुलिस वाहन में लगाई गई थी।