आजमगढ: उत्तर प्रदेश चुनाव परिणामों में जहाँ एक ओर मोदी लहर का असर दिखा तो समाजवादी पार्टी के ईमानदार और सादगी भरी छवि के नेता को नहीं हरा सकी मोदी लहर भी|जी हाँ हम बात कर रहे हैं राजनीति में सादगी का पर्याय माने जाने वाले सपा विधायक आलमबदी की|
पूरे उत्तर प्रदेश में मोदी लहर के बावजूद आलमबदी आजमगढ़ की निजामाबाद सीट से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के चंद्रदेव राम को 18,529 वोटों से हरा दिया।
तीन बार से विधायक हैं,बिजली विभाग में थे जूनियर इंजीनियर
अपनी सादगी के लिये मशहूर तीन बार से विधायक आलमबदी को इस बात का कभी कोई अभिमान नहीं रहा। आपको बता दें वह टिनशेड के नीचे रहते हैं और अपनी फर्नीचर की पुरानी दुकान पर बैठते हैं। राजनीति में आने से पहले वह बिजली विभाग में जूनियर इंजीनियर थे। इन्होंने नौकरी छोड़कर सिविल लाइन में एक वेल्डिंग की दुकान खोल ली और वहीं से विधायक बनने की कहानी शुरू हुई। पहली बार 1996 में समाजवादी पार्टी से विधायक बने। 2002 में भी यह विधायक बने पर 2007 में इन्हें दूसरे नंबर से संतोष करना पड़ा। पर 2012 में इन्होंने फिर विजय पायी और अब 2017 की मोदी लहर को भी परास्त कर दिया। आलमबदी की ख़ासियत है कि वह आज भी मात्र 2 लाख रुपये में पोरा चुनाव लड़ते हैं और जीतते भी आ रहे हैं|