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रामजन्मभूमि विवाद पर फैसले से पहले अयोध्या में शुरू हुई 14 कोसी परिक्रमामा

 

 

अयोध्या। राम नगरी के ऐतिहासिक सावन झूले मेले के पहले पर्व 14 कोसी परिक्रमा पर पुण्य लाभ के लिए उमड़े श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से पूरा परिक्रमा पथ मानव श्रृंखला में तब्दील हो गया। परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं की सेवा के लिए समाजसेवी संगठनों तथा विभिन्न संस्थाओं की ओर से परिक्रमा पथ पर जगह-जगह लगाए गए शिविर सक्रिय रहे।

सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन की ओर से जोनल तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में भारी तादाद में कर्मियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। आला अधिकारी भ्रमणशील रहकर हालात की निगरानी करते नजर आए। चौकी और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एटीएस कमांडो व ड्रोन कैमरे के साथ भारी तादाद में पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस बल को लगाया गया है। पारंपरिक रीति नीति के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आयोजित होने वाले राम नगरी के 14 कोसी परिक्रमा पर्व को लेकर सोमवार को ही जनपद समेत आसपास के जनपदों से श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भी धर्मनगरी पहुंच गई थी। कार्तिक माह में कल्पवास के लिए राम नगरी के मठ मंदिरों तथा धर्मशालाओं में डेरा डाले श्रद्धालुओं ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली थी। पूरी रात राम नगरी की ओर आने वाले सभी मार्गों पर परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों का आवागमन जारी रहा। सार्वजनिक वाहनों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन आदि से पैदल ही राम नगरी की दूरी तय की।

मंगलवार भोर में ही श्रद्धालुओं का रेला मोक्ष दायिनी सरयू के घाटों की ओर बढ़ चला। स्नान दान के बाद श्रद्धालुओं ने मठ मंदिरों में दर्शन पूजन किया और फिर परिक्रमा पथ पर पहुंचकर जय श्रीराम के उद्घोष के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्म स्थली को नमन कर कदम परिक्रमा पथ पर बढ़ा दिया। परिक्रमा पथ पर बढ़े कदम आगे बढ़ते रहे और जगह-जगह लोग परिक्रमा में शामिल होते गए और कुछ ही घंटों में अवध नगरी के चारों ओर पूरा परिक्रमा पथ आस्था और भक्तों में शराब और श्रद्धालुओं से मानव श्रृंखला में तब्दील हो गया। यह 14 कोसी परिक्रमा बुधवार सुबह तक अनवरत जारी रहेगी।

शिविर लगाकर हुई श्रद्धालुओं की सेवा

पूरे 14 कोसी परिक्रमा पथ पर स्वयंसेवी संगठनों, संस्थानों, प्रतिष्ठान संचालकों तथा अन्य की ओर से जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं। किसी ने जलपान का शिविर लगा रखा है तो किसी ने चिकित्सा सेवा का। कहीं श्रद्धालुओं के आराम करने की व्यवस्था थी तो कहीं श्रद्धालुओं पर स्थानीय लोगों की ओर से पुष्प वर्षा की जा रही थी। संगठनों संस्थाओं तथा अन्य में राम नगरी के 14 कोस अर्थात 42 किलोमीटर लंबी परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु की सेवा कर पुण्य कमाने की होड़ रही। जिला प्रशासन की ओर से भी जगह-जगह जरूरी इंतजाम किए गए। परिक्रमा पथ पर जगह-जगह मोबाइल टॉयलेट, एंबुलेंस, सेवा चिकित्सा शिविर, सुरक्षा चौकी समेत अन्य व्यवस्थाएं की गई है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं और परिक्रमा पथ के किनारों को बल्लियों से सुदृढ़ किया गया है।