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लोकसभा चुनाव : क्या आपको पता है, भारतीय संसद के लिए ऐतिहासिक है ‘13 मई’

नई दिल्ली। देश में इन दिनों 17वीं लोकसभा के गठन को लेकर लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और इस दौरान छह चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और अब केवल एक चरण का ही मतदान बचा हुआ है। इसके बाद 23 मई को इस चुनाव का परिणाम भी आ जाएगा और उसके बाद तय होगा कि कौन सी पार्टी अपनी सरकार बनाएगी। चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होना है। जिसके बाद नई लोकसभा के गठन के बाद पहला सत्र कब बुलाया जाएगा, यह सरकार बनने के बाद ही पता चलेगा।

लेकिन हम आज आपको यह बताने जा रहे हैं कि भारतीय संसद के लिए 13 मई की तारीख ऐतिहासिक है। इस तारीख का काफी महत्व है, क्योंकि भारतीय लोकसभा के लिए इसी दिन पहला सत्र बुलाया गया था और एक बार अंतिम संसद सत्र के लिए भी यह तारीख गवाह बनी थी। 1951-52 में लगभग 4 महीने चली चुनावी प्रक्रिया के बाद 17 अप्रैल को पहली बार लोकसभा का गठन किया गया था। लोकसभा के गठन के बाद संसद का पहला सत्र 13 मई 1952 को ही आयोजित किया गया था।

जिसके बाद देश की पहली लोकसभा ने 5 साल का अपना सफल कार्यकाल पूरा किया था। यह लोकसबा 4 अप्रैल 1957 को भंग हुई थी और उसके बाद दूसरे लोकसभा चुनाव हुए थे। उस दौरान देश के पहले लोकसभा स्पीकर गणेश वासुदेव मावलंकर रहे थे और उनके नेतृत्व में ही पूरी संसदीय कार्रवाही की गई थी। वह इस पद पर 27 फरवरी 1956 तक रहे थे। जिसके बाद एमए आयंगर शेष लोकसभा के स्पीकर बने थे।

वहीं 13 मई का दिन भारतीय संसद के इतिहास में एक और खास दिन के लिए याद किया जाता है। दरअसल पहले सत्र के अलावा 15वीं लोकसभा का अंतिम सत्र भी 2009 में 13 मई को ही खत्म हुआ था। ऐसे में मई को तो भारतीय लोकसभा के लिए खास माना ही जाता है और उसमें भी खासकर 13 मई की तारीफ का अलग महत्व है।