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पुलवामा हमले में यूपी के 12 सपूत शहीद, राज्य सरकार ने 25 लाख की मदद का किया ऐलान

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में उत्तर के 12 लाल शहीद हो गए हैं। बेटों की शहादत की खबर मिलते ही उनके घरों में कोहराम मचा हुआ है। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीदों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये आर्थिक मदद का ऐलान किया है। इसके साथ ही, योगी सरकार ने जवानों के पैतृक गांव की सड़क का नाम उनके नाम पर रखने का भी फैसला किया है। पुलवामा आंतकी हमले में शहीद हुए 44 जवानों में उत्तर प्रदेश चंदौली के अवधेश, इलाहाबाद के महेश, शामली के प्रदीप और अमित कुमार, वाराणसी के रमेश यादव, आगरा के कौशल कुमार यादव, उन्नाव के अजीत कुमार, कानपुर देहात के श्याम बाबू, कन्नौज के प्रदीप सिंह और देवरिया के विजय मौर्य शामिल हैं। पूरा देश इन शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।

पुलवामा में तैनात शामली के प्रदीप बनत गांव के रहने वाले थे। उनकी शहादत की खबर ने हर किसी को हिला दिया। घर से लेकर पूरे गांव में कोहराम मच गया। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि प्रदीप अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। गांववालों ने बताया कि प्रदीप के अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने घर आए थे। वह दो दिन पहले ही वापस गए थे।

जम्मू-कश्मीर के इस आंतकी हमले में उन्नाव के अजीत कुमार आजाद भी शहीद हुए हैं। हमले की खबर मिलने के बाद उनका परिवार दहशत में आ गया। परेशान होकर चारों तरफ फोन करने शुरू कर दिए लेकिन अजीत से संपर्क नहीं हो पाया। शाम को टीवी पर जब शहीदों के नाम आए तो उन्हें पता चला की हमले में वह भी शहीद हो गए हैं। अजीत की दो बेटियां ईशा और श्रेया अपनी मां मीना के साथ लिपट गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं। हमले में मैनपुरी के रहने वाले रामवकील भी शहीद हो गए। राम वकील मैनपुरी के विनायकपुर गांव के रहने वाले थे।