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भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वाले 11 लोग गिरफ्तार, 70 मोबाइल, 7 लैपटॉप बरामद

 

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा इलाके में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार हुए क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। इस संबंध में पुलिस ने गिरोह के 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने 70 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, 2 एलसीडी टीवी और 4 ब्रीफकेस और एक रजिस्टर बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने इस दौरान करीब पांच करोड़ से ज्यादा की रकम दांव पर लगा रखा था। पुलिस अब आरोपितों से पूछताछ कर इनके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है।

गिरफ्तार आरोपितों की पहचान अमित अरोड़ा, अनुज अरोड़ा, रितेश बंसल, अंसुल बंसल, नवीन कुमार, रोहित शर्मा, रितेश अग्रवाल, रोहित रस्तोगी, अमन गुप्ता, अंकुश बंसल और अनुराग अग्रवाल के रूप में हुइ्र हैं। इनमें से अमित अरोड़ा गिरोह का सरगना है। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपितों की उम्र करीब 22 से 48 वर्ष के बीच है। क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी ए.के. सिंगला ने बताया कि दिल्ली में एक सट्टेबाजी रैकेट के संचालित होने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई तो यह पता चला कि 19 जनवरी को भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले एकदिवसीय क्रिकेट मैच के दौरान यह गिरोह सट्टा लगाएगा।

इसके बाद पुलिस ने कड़कड़डूमा इलाके में स्थित अशोक निकेतन के एक घर पर छापेमारी कर सट्टा लगा रहे 11 लोगों को रंगे हाथ मौके से दबोचा। आरोपी व्यक्तियों ने खुलासा किया कि उन्होंने करीब 5 करोड़ रुपये से अधिक की रकम दांव लगाए गए थे। मौके से 74 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, बरामद किए गए। सिंगला के मुताबिक आरोपी अमित गिरोह का सरगना है, जिसने पूरे भारत में अपना नेटवर्क बना रखा है।

ऐसे चलता था सट्टा

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह द्वारा दिए गए विशिष्ट नंबरों पर दांव लगाने के लिए कहते हैं। लैपटॉप पर दांव का विवरण दिया जाता है। खासबात यह है कि गिरोह मैच के दौरान लगाए गए दांव को रिकॉर्ड करने और गणना करने के लिए अपने लैपटॉप में विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एक सट्टेबाजी सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है। सरगना अमित ने तोता लाइन नामक 3 विशेष फोन कनेक्शनों की व्यवस्था की थी, जो उसने दिल्ली के एक ऑपरेटर से खरीदे थे। यह लाइन लाउडस्पीकर पर हर गेंद के बाद सट्टेबाजी की मौजूदा दरों को दोहराती रहती है। वह मौखिक रूप से उन सभी ’पंटर्स’ से संबंध रखता है जो उसके साथ दांव लगाते हैं। टॉस के विजेता रन, सेशन, विकेट, अंतिम जीत पर दांव रखा जाता है। वह अपने लैपटॉप पर दो अलग-अलग ऐप का उपयोग करता है जो उसे पंजाब के दो ऑपरेटर्स द्वारा मुहैया किए गए हैं। अमित अरोड़ा अपना ठिकाना बदलता रहता है। अशोक निकेतन स्थित घर को गिरोह ने हाल ही में किराए पर लिया था।

मुख्य आरोपित की प्रोफाइल

आरोपित अमित अरोड़ा का जन्म मुजफ्फरनगर में हुआ था। उसने मुजफ्फरनगर में ही 12 वीं तक की पढ़ाई की है और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा किया। उसने दिल्ली में कॉपर वायर बनाने का कारखाना शुरू किया था। लेकिन व्यवसाय में घाटा होने पर वह सट़्टेबाजी करने लगा। करीब 10 साल पहले ही वह एक सट्टेबाज बन गया। इसके बाद उसने पूरे देश में अपना नेटवर्क बना दिया।