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हरियाणा में सड़कों पर उतरे दलित समुदाय के लोग, पुलिस चौकस

एससी-एसटी एक्ट संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों द्वारा किए गए बंद के आह्वान का हरियाणा में मिलाजुला असर दिख रहा है। हालांकि अधिकांश जगह बाजार खुले हैं, लेकिन दलित समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। कई जगह दलितों ने जबरन दुकानें बंद कराने का भी प्रयास किया। 

हिसार, अंबाला, पानीपत, चरखी दादरी, जींद, रोहतक आदि शहरों में दलित समुदाय के लोग सुबह से ही एकत्र होने शुरू हो गए थे। समुदाय के लोग  अनाउंसमेंट कर बाजार बंद करने की अपील कर रहे थे। हालांकि इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला।

समुदाय के सदस्य कह रहे हैं कि अगर दुकानें बंद नहीं की तो तोड़फोड़ नुकसान की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। चरखी दादरी में भीम सेना वालों ने  जबरदस्ती दुकान बंद करवाने व् सामान फेंकने का किया। टोहाना में अनुसूचित सर्वजाति समाज द्वारा अंबेडकर चौक पर प्रदर्शन किया जा रहा है।

वहीं, बंद करने वालों से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। गत देर रात से ही पुलिस गश्त कर रही है। पुलिस को आशंका है कि यदि दलित समाज के लोगों ने उग्रता दिखाई तो सामान्य वर्ग के लोग भी सड़कों पर उतर सकते हैं। इसके मद्देनजर पुलिस फूंक फूंक कर कदम रख रही है।

कैथल में दलित समाज के लोग शहर के बीचोंबीच पिहोवा चौक पर इकट्ठा हो गए। उन्होंने शहर को पूरी तरह से जाम कर दिया है यह लोग भाजपा सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पैरवी में ढील बरतने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी ही यह आदेश वापस नहीं लिए गए तो ही विरोध आंदोलन का रूप ले लेगा।