अमेरिकी सीनेट सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को बेचे जाने वाले हथियारों पर पाबंदी लगवाने में विफल रहा. सीनेट हथियार बिक्री को रोकने संबंधी तीन प्रस्तावों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वीटो को रद्द कराने में सफल नहीं हो सका. सीनेटरों की ओर से हथियार बिक्री को रोकने के लिए कांग्रेस के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित कराया गया था. इसके बाद ट्रंप ने प्रस्तावों को रद्द करने के लिए अपने राष्ट्रपति वीटो का उपयोग किया था.
यमन में ईरान-सहयोगी हौथी विद्रोहियों द्वारा सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य अभियान से मानवीय संकट पैदा हो गया था. इसी का हवाला देते हुए अमेरिकी कांग्रेस ने सऊदी अरब और यूएई के लिए लंबित हथियारों की बिक्री को रोक दिया था.
लेकिन ट्रम्प के अनुसार, हथियारों की बिक्री को रोकना अमेरिका की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करेगा और सहयोगियों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाएगा.
अमेरिकी मीडिया ने बताया कि सीनेटरों ने वीटो रद्द करने के लिए 45-40, 45-39 और 46-41 वोट दिए, जोकि दो तिहाई बहुमत से कम थे. वाशिंगटन के 2018 में परमाणु समझौते से हटने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है.