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सीमा पर आज भारत कोई चुनौती नहीं दे सकता : अमित शाह

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के लिए एक अलग रक्षा नीति तैयार किए जाने के बाद कोई भी भारत की सीमाओं और इसकी संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा का मतलब है राष्ट्रीय सुरक्षा और जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता है। यह बातें अमित शाह ने शनिवार दोपहर को दिल्ली के विज्ञान भवन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 18 वें अलंकरण समारोह के दौरान कहीं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव, आईबी निदेशक, रॉ प्रमुख, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरूआत में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसएफ के 18 वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस, शौर्य और उत्कृष्ट सेवा के लिए बल के बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को अलंकरण प्रदान किया। कार्यक्रम में बल के 23 सदस्यों को पदकों से अलंकृत किया गया। इसमें 12 को वीरता के लिये पुलिस पदक और 11 को सराहनीय सेवा के लिये पुलिस पदक से अलंकृत किया गया।

उसके बाद गृह मंत्री ने रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान भी दिया। इस अवसर पर बीएसएफ पर एक वृत्तचित्र ‘बावा’ का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में बीएसएफ के पहले महानिदेशक के एफ रुस्तमजी को श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा सीमा सुरक्षा बल और देश के अन्य अर्धसैनिक बलों के बलिदान के कारण ही भारत विश्व के नक्शे पर अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है। युद्ध काल हो शांति काल हो, बीएसएफ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।

आगे गृह मंत्री ने कहा कि “हमारे जवान 45 डिग्री की गर्मी हो, चाहे लद्दाख की सीमाएं हों या रेगिस्तान हो, चाहे पूर्वी सीमा में नदी-नाले, जंगल, पहाड़ हों, बीएसएफ और हमारी सारी पैरामिलिट्री फोर्सेस, सीमा सुरक्षा के काम में लगी हैं। गृह मंत्री ने आगे कहा कि 1965 की लड़ाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के राज्यों की 25 बटालियनों के साथ एक बीज के रूप में सीमा सुरक्षा बल की शुरूआत हुई, जो आज एक वटवृक्ष बन देश को सुरक्षा मुहैया करा रहा है। अटल जी की सरकार में पहली बार ‘वन बॉर्डर, वन फ़ोर्स’ के सिद्धांत को स्वीकार किया गया और इसका एक स्ट्रक्चर्ड खाका शुरू किया गया।

उसके बाद मोदी सरकार ने सीमाओं पर इन्फ़्रास्ट्रक्चर के काम को प्राथमिकता दी और 2008 से 2014 तक 3,610 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ। जबकि वर्ष 2014 से 2020 तक 4,764 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ। इसी क्रम में सड़क निर्माण का बजट 2008-2014 के दौरान 23,000 करोड़ रूपए से बढ़कर मोदी सरकार ने 2014-20 के दौरान करीब 44,000 करोड़ रूपए किया। 2008 से 2014 के दौरान 7,270 मीटर लंबे पुलों का निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014 से 2020 के दौरान ये दोगुना होकर 14,450 मीटर हो गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2008-14 के दौरान मात्र एक रोड की सुरंग का निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014-2020 के बीच छह नई रोड की सुरंगें बन चुकी हैं और 19 अन्य पर निर्माण कार्य जारी सीमाओं पर गैप्स को भरने के लिए मोदी सरकार ने बात, संवाद करके अड़चनों को दूर किया वर्ष 2022 से पहले सीमा पर फ़ेंसिंग में कोई गैप नहीं रह जाएगौ मोदी सरकार ने सीमांत क्षेत्रों के विकास और वहां से पलायन को रोकने के लिए भी ढेर सारी योजनाओं की शुरूआत की, इनके तहत दो वर्षों के लिए 888 करोड़ रुपये की सीमा विकास योजनाएं शुरू की गई।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि बीएसएफ ने एक उच्च बलिदान की परंपरा को स्थापित किया है। सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के छह साल बाद ही जब उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में सभी तरह के मानवाधिकारों का हनन हो रहा था, अकल्पनीय यातनाएं दी जाती थीं, और जब स्थिति असहनीय हो गई तब उस स्थिति में भारत ने निर्णय किया और बीएसएफ के जवानों ने एक अहम भूमिका निभाई और आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर है।

शाह ने कहा कि चाहे युद्ध काल हो या शांति काल हो, बीएसएफ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इसी का परिणाम है कि सीमा सुरक्षा बल को अनेकों वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।

अंत में सुरक्षा बलों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने 15 अरब रूपये के नारकोटिक्स पकड़े हैं, साढ़े चार करोड़ रूपए के सोना-चांदी को पकड़ा है, इसी क्रम में 15 आतंकियों को भी मार गिराया है और करीब दो हजार आतंकियों और घुसपैठियों को पकड़ा है। अमित शाह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को डिटेक्ट करना, सुरंगों का पता लगाना, पोर्टेबल एनक्रिप्टिड सामरिक मोबाइल संचार, एंटी-ड्रोन तकनीक जैसे विषयों पर एक सीरीज आफ हैकाथॉन से फायदा मिलेगा।  

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