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सिंचाई मंत्री ने किया बाढ़ से सम्बन्धित परियोजनाओं का औचक निरीक्षण

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर खीरी |
शनिवार को सिंचाई मंंत्री एवं सिंचाई (यात्रिंक) उप्र धर्मपाल सिंह अपने निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार जनपद खीरी पहुंचे। जहां उन्होनें शारदा नदी के दायें किनारें पर किमी 23.150 से किमी 25 के मध्य ग्राम बिजुआए रैतीपुरए बजेहरा और अकालगढ़ ग्रामों के सुरक्षात्मक कार्यो की परियोजना लागत 12.375 करोड़ का औचक स्थलीय निरीक्षण किया। परियोजना के अर्न्तगत कुछ कार्यो में कमियां पाये जाने पर उन्हें तत्काल ठीक कराये जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।  अपने दौरे से सम्बंधित जानकारी उन्होंने सिंचाई विभाग केे गेेेेस्टहाउस मेें आयोजित  प्रेस वार्ता में शाम करीब 4 बजे पत्रकारों को दी।
    
निरीक्षण के दौरान ही ग्राम वासियों ने उन्हें रेवतीपुरवा के कटान के बारे में जानकारी दी। इस पर उन्होनें इस ग्राम को भी परियोजना में शामिल करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होनें कहा कि बाढ़ के प्रभाव से होने वाली जन धन हानि को रोकने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। जनपद लखीमपुर खीरी में बाढ़ की दृष्टि से 05 संवेदनशील और 02 अतिसवेदनशील तटबद्ध है। वहीं जनपद में कुल 18 परियोजनाएं बनायी गयी है। जिनकी लागत 137.15 करोड़ है। उन्होनें बताया कि वर्तमान में बाढ़ सुरक्षा के लिए 29.36 करोड़ रुपए के कार्य करा लिये गये हैं। गत वर्ष जो 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हुये थे उनकी परियोजनाएं बनाकर कार्य करवाया जा रहा है। इस वर्ष बाढ़ की सुरक्षा के दृष्टिगत 20 गांवों के सुरक्षात्मक कार्य करा लिये गये हैं। जनपद में 04 कंट्रोल रूम 21 बाढ़ केन्द्र और 40 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गयी हैं। 
     संभावित बाढ़ क्षेत्रों में हुये कार्यो के निरीक्षण के पश्चात उन्होनें शारदा बैराज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बैराज का संचालन सुगम पाया गया। उन्होनें कहा कि 45 वर्ष पूराने इस बैराज को नवीन स्वरूप देने हेतु आधुनिकतम स्वचालन प्रणाली स्थापित करायी जायेगी। 
     निरीक्षण के पश्चात शहर मुख्यालय स्थित छाउछ निरीक्षण भवन में उन्होनें जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक और सिंचाई और बाढ़ के सभी सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जनपद में बाढ़ की विभीषिका से निपटने की अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा एवं रणनीति विचार विमर्श किया। 
     उन्होनें उपस्थित सांसद और विधायकों से उनके क्षेत्र में सिंचाई एवं बाढ़ से सम्बन्धित समस्याओं और सुझावों से अवगत कराने का अनुरोध किया। उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने एक एक कर अपने सुझांव और मांग मंत्री के समक्ष रखी। उन्होनें विभागीय अधिकारियों से इन सुझावों एवं मांगो पर त्वरित रूप से कार्यवाही करने एवं जनप्रतिनिधियों को कृत कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए। उपस्थित सांसद अजय मिश्र टेनी ने नेपाल से आने वाले पानी से पैदा होने वाली बाढ़ का उल्लेख करते हुए मांग की, कि शारदा बैराज में चैनल बनाये जाए। जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी बाहर निकल सके तथा बाढ़ की समस्या का समाधान हो सके। सभी जनप्रतिनिधियों ने जनपद में बाढ़ की समस्या का स्थायी एवं दीर्घकालीन समाधान किये जाने की मांग की। जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि जनपद में 04 तहसीलें सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित होती है। उन्होनें अबतक जनपद में हुयी बाढ़ से निपटने की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक रामलाल वर्मा ने बताया कि जनपद में बाढ़ से निपटने के लिए सुरक्षा तैयारियां की जा चुकी हैं। शीघ्र ही एनडीआरएफ का दल मिल जायेगा। बाढ़ के दौरान गोताखोरों की उपयोगिता को देखते हुए कुछ गोताखोरो का चिन्हाकंन किया जा चुका है। जिससे आवश्यकता पड़ने पर अविलम्ब इन्हें प्रभावित स्थान पर भेजा जा सके। 
सिंचाई मंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक क्षेत्र में गोताखोरों को सूचीबद्ध कर लिया जाय और उन्हें एनडीआरएफ के साथ सम्वन्य स्थापित करते हुए प्रशिक्षित भी कराया जाए। उन्होनें बाढ़ की समाप्ति पर फैलने वाले रोगों से निपटने हेतु अभी को कमर कसने के निर्देश दिए और सांप काटने की चिकित्सा हेतु आवश्यक प्रबंध किये जाने पर जोर दिया। उन्होनें अवगत कराया कि प्रदेश में ऐतिहासिक और पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण आठ संकटग्रस्त नदियों के पुर्नउद्धार के लिए कार्य किये जा रहे हैं। जिसमें गोमती नदी भी सम्मिलित है। उन्होनें नदियों की पुनउर्द्धार के लिए जनजागरण अभियान चलाये जाने तथा जनता के सहयोग प्राप्त करने पर बल दिया।
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