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सावन के दूसरे सोमवार पर मध्य प्रदेश के शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, ‘बम भोले’ के जयकारे गूंजा उज्जैन

 आज सावन का दूसरा सोमवार है सुबह से ही शिवालयों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है. उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे हैं, जहां बाबा महाकाल की आरती देखने के लिए भक्त रात से ही लाइन में लग जाते हैं और बाबा महाकाल के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं. बाबा महाकाल के दर्शन के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालू सावन में उज्जैन पहुंचते हैं और महाकालेश्वर के दर्शन करते हैं. बता दें मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग हैं, जिनमें उज्जैन के महाकालेश्वर और खंडवा के ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं.

ग्वालियर की प्राचीन शिवालयों पर देर रात 2 बजे से ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है. देर रात तक यह सिलसिला जारी रहेगा. सावन के महीने में हर कोई अपने प्रिय भोलेनाथ को प्रसन्न करने में जुटा हुआ है. लोगों का मानना है कि ग्वालियर का अचलेश्वए मंदिर पर जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह जरूर पूरी होती है. शिवालयों पर उमड़ी भीड़ के चलते मंदिर प्रबंधन ने भी अलग-अलग व्यवस्था की है उसके साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.

वहीं मंदसौर के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ लगनी शुरू हो गई है. सावन के इस पवित्र माह में अपने आराध्य देव के दर्शन कर पूजन अर्चन करने के लिए दूर-दूर से मंदिर में पहुंचे हैं,, सुबह 5:00 बजे मंदिर के पट खुलने से पहले कल ही भक्तों की भीड़ कतार लगाकर खड़ी दिखी. सुबह 6:00 बजे से भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक शुरू हुआ.

गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ की यह विशाल आकर्षक सुंदर अद्वितीय प्रतिमा भारतवर्ष में अनोखी है. इस प्रतिमा की आठ मुख हैं. जिनमें बाल्यावस्था से प्रौढ़ावस्था को विभिन्न भाव भंगिमाओं के साथ बड़ी खूबसूरती के साथ उकेरा गया है. इस तरह के प्रतिमा विश्व में सिर्फ दो ही हैं एक भारत के मंदसौर में और दूसरी नेपाल के काठमांडू में.

वहीं रतलाम से लगभग सौ किमी दूर राजस्थान सीमा से लगे गांव अरनोद के पास स्तित गौतमेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी हुई है. इस जगह स्थित प्राचीन शिवलिंग की खासियत है कि हिन्दू धर्म-शास्त्रों मे खण्डित देवी देवताओ की प्रतिमाओं, खंडित शिवलिंगों और तस्वीरों का पूजन वर्जित माना गया है , लेकिन यहां खंडित शिवलिंग की पूजा आराधना होती है.