जबलपुर। नोटबंदी के बाद सहकारी बैंकों में 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने को लेकर आयकर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आयकर विभाग ने पूर्वी मध्यप्रदेश के जबलपुर समेत 19 जिलों के 18 सहकारी बैंकों को नोटिस जारी कर पूछा कि बिना अधिकार के पुराने नोट क्यों बदले गए?
बैंकों से ग्राहकों के पते, खाते और पेन नंबर की जानकारी भी मांगी है। नोटिस में पूछा गया है कि नोटबंदी के बाद 5 दिनों तक किस नियम से बैंक ने पैसा ग्राहकों से जमा करवाया? आयकर विभाग को शक है कि नोटबंदी के बाद से पांच दिन तक सहकारी बैंकों में करोड़ों रुपए बदलने के साथ जमा भी कराए गए हैं। राष्ट्रीयकृत बैंकों की शुरुआत में नोट बदलने की सीमा 4,500 थी। लेकिन सहाकरी बैंकों ने 20 हजार रुपए तक के पुराने नोट बदले गए हैं।
सहकारी बैंक में मचा हड़कंप
आईटी के नोटिस जारी होते ही बैंक में हड़कंप मच गया है। इधर, इंवेस्टीगेशन टीम ने सहकारी बैंकों में काम करने वाले अधिकारियों पर नजर भी रखनी शुरू कर दी है। बैंक में आने और जाने वालों पर वीडियो रिकॉर्डिंग से छानबीन भी की जा सकती है।
जिस अकाउंट से महीनों ट्रांजेक्शन नहीं, उसमें 2 लाख से ज्यादा जमा तो डिटेल दें
राष्ट्रीयकृत बैंकों के मैनेजरों को भी आईटी ने नोटिस जारी किए हैं। आयकर विभाग ने ऐसे खातों की जानकारी मांगी है, जिसमें महीनों से ट्रांजेक्शन नहीं हुआ था, लेकिन नोटबंदी के बाद पैसा जमा कराया गया। इनमें 2 लाख या इससे अधिक स्र्पए जमा होने वाले खातों की जानकारी देने कहा गया है। बैंक मैनेजर को मिले नोटिस ने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की भी नींद उड़ा दी है। हालांकि बैंक में भीड़ और ग्राहकों की परेशानी को देखते हुए नियम में थोड़ी शिथिलता भी दी जा रही है।
इन जिलों में नोटिस जारी
जबलपुर, छिंदवाड़ा, सागर, बालाघाट, कटनी, सिवनी, दमोह, नरसिंहपुर, सतना, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, मंडला, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ समेत 19 जिलों को नोटिस जारी किया गया है।