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स्पेशल स्टोरी: सनी लियॉन नहीं, इन्हें देखना है असली नाच

गाँव जागरण स्पेशल:

डिजिटल मीडिया के ज़माने आज भी देश में बहुत सी पुरानी पारंपरिक मनोरंजन की विधाएं आज भी जिन्दा हैं.जी हाँ उत्तर प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में खासकर अवध क्षेत्र में लोगों में किसी भी विशेष कार्यक्रम में फिल्म और डी जे नहीं बल्कि नाच और नौटंकी देखने को मिलेगी.

नीचे दिए गए वीडियो में आपको ये विधा देखने को मिलेगी जिसमे पूरी रात गाँव के लोग इस नाच का आनंद लेते नज़र आयेंगे और इस नाच के बिना कोई भी कार्यक्रम फीका माना जाता है. इसकी फरमाइश गाँव वालों को चाहने वालों की होती है.नहीं तो मेज्मान के दरवाज़े पर मेहमान खासकर गाँव के आने बहाने करते हैं.

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आदमी करते है फरमाइशी गानों पर महिलाओं वाला डांस

इस नाच की खासियत ये होती है गाने,बजाने वालों के साथ एक या दो महिलाएं डांसर और एक या दो पुरुष महिलाओं की वेष भूषा में दर्शकों की फरमाइश पर डांस करते है. ये फ़िल्मी गानों पर डांस करते हैं और दर्शक इन पर अपनी जेब के अनुसार पैसे इनाम में देते हैं.

लाखों में होती है होती है इनकी बुकिंग

इस डांस की ग्रुप की बुकिंग 25 हज़ार से रुपये से लेकर लाखों में होती है.बुकिग का सीधा सम्बन्ध ग्रुप की व्यस्तता और लगन के सीज़न से होता है.अगर लगन यानी  शदियों का सीज़न है और ग्राहक ज्यादा है तो इनकी बुकिंग लाखों तक में होती है.

घर से दूर खलिहानों में होता है,और देर रात तक चलता है

अक्सर ये गाँव के बाहर या रिहायशी इलाके से दूर खलिहानों में आयोजित किया जाता है क्योंकि जिससे गाँव के पुरुष ही इसे देखें और भीड़ को बैठने की भरपूर जगह मिल जाये.पूरी रात चलने वाले इस आयोजन में बच्चे और महिलाएं कम शामिल होती है क्यों कि इस आयोजन में कभी कभी अश्लीलता का नज़ारा भी देखने को मिलता है. खूबसूरत औरतों के अलावा द्विअर्थी संवाद और गाने इस नाच का मुख्य आकर्षण होता है.

 देखें वीडियो:

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