पुंछ में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग में शहीद हुए जवान गुरसेवक सिंह को सोमवार को उनके पैतृक गांव वराना लालपुर में अंतिम विदाई दी गई।गुरसेवक को श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों गांववालों के साथ शहीद की मंगेतर भी पहुंची। गुरसेवक की अगले साल फरवरी में शादी होने वाली थी। जम्मू कश्मीर में पुंछ जिले के कृष्णाघाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठियों के एक समूह के साथ मुठभेड़ के दौरान अपन जान कुर्बान करने वाले गुरसेवक के अंतिम दर्शनों के वक्त हर आंख नम थी। वहीं गुरसेवक की मंगेतर का रो-रोकर बुरा हाल था। गुरसेवक को जनवरी में शादी के लिए घर आना था। उनके घर में शादी की तैयारियां भी शुरू हो गई थीं। लेकिन शादी से पहले ही गुरसेवक के घर उनकी शहादत की खबर पहुंच गई। वह राखी पर आखिरी बार घर आए थे। गुरसेवक तीन साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। वह सिख रेजिमेंट के सिपाही थे।बता दें कि कृष्णा घाटी में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश में रविवार को भारी फायरिंग की गई थी। घुसपैठ की कोशिश तो नाकाम कर दी गई लेकिन 22 सिख रेजिमेंट के सिपाही गुरुसेवक सिंह शहीद हो गए।