हाल ही में भारतीय नौसेना ने आईएनएस विराट को विदाई दी थी। इसके बाद नौसेना ने गश्ती विमान एल्बाट्रॉस की भी अलविदा कहने का मन बना लिया है। सोवियन मूल के इस टुपोलेव विमान का इस्तेमाल 30 सालों से भारतीय महासागर क्षेत्र में दुश्मन के युद्धपोतों और पनडुब्बियां पर नजर रखने के लिए किया जाता था। इस विमान की विदाई इस महीने के अतं में की जाएगी।
दुनिया सबसे तेज और बड़े जेट इंजन वाले 8 एल्बाट्रॉस विमान को 1988 में नौसेना में शामिल किया गया था। नौसेना के अधिकारी ने बताया, “यह विमान लंबे समय से भारतीय नौसेना की रीढ़ रहा है। मगर अब सिर्फ 3 विमान ही पूरी तरह से प्रयोग किए जा रहे हैं। इन विमानों को 29 मार्च के समारोह के बाद तमिलनाडु के अराक्कोनम में आईएनए राजाली में पूरी तरह से सेवानिवृत कर दिया जाएगा।”
850 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ने वाले इन एल्बाट्रॉस विमानों की जगह 12 पोसीडोन विमान लेंगे। इनमें से 8 को नौसेना में शामिल कर लिया गया है। इन विमानों को अमेरिका से 3.2 बिलियन डॉलर (करीब 21,326 करोड़ रुपए) में खरीदा गया है। इन विमानों में रडार के अलावा हार्पून ब्लॉक-II मिसाइल, हल्की टॉर्पीडो, रॉकेट जैसे कई घातक हथियार शामिल हैं।