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रक्षा मंक्षालय ने नई काली सूची नीति के साथ 82 हजार करोड़ के रक्षा सौदे को दी मंजूरी

रक्षामंत्रालय ने सोमवार को भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल कंपनियों पर पूरी तरह प्रतिबंध न लगाने वाली नई काली सूची नीति के साथ 82 हजार करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी। इस धन से लड़ाकू विमान, टैंक, रॉकेट और मिनी ड्रोन खरीदे जाएंगे।manohar-parikar_1475778458
रक्षा मंत्री मनोहर परिकर की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में हालांकि जापान से 12 यूएस2आई एंफीबियस विमान खरीदने के नौसेना के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं हो सका। माना जा रहा था कि इस बैठक में इस सौदे को भी मंजूरी दी जाएगी। वैसे बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 11-12 नवंबर को होने वाली जापान यात्रा के दौरान इस मसले पर कोई कदम बढ़ाया जाएगा। 
रक्षा सूत्रों ने बताया कि परिषद ने वायु सेना की 83 तेजस मार्क 1ए विमान खरीदने की योजना को स्वीकृति दे दी है। इसने करीब 2911 करोड़ रुपये की लागत से थल सेना और वायु सेना के लिए एचएएल द्वारा निर्मित 15 हल्के लड़ाकू विमानों को खरीदने की भी मंजूरी दे दी। बैठक में रूस निर्मित 464 टी90 टैंकों के लिए दोबारा ऑर्डर भेजने को मंजूरी दी गई। करीब 13,448 करोड़ रुपये की लागत से इन टैंकों का निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड करेगा। करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से 598 मिनी ड्रोन खरीदने को भी मंजूरी दी गई। इस बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि नई काली सूची नीति को मंजूरी है। वैसे इस नीति के बारे में अभी कोई मुंह नहीं खोल रहा है लेकिन सूत्रों ने बताया कि इसे अगले कुछ दिनों में रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। उनका कहना है कि इस नीति को मंजूरी देते समय इस बात का ख्याल रखा गया है कि इससे सेना का आधुनिकीकरण का काम प्रभावित न हो। 

पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं होंगी भ्रष्ट कंपनियां सूत्रों ने बताया कि अगर कोई रक्षा कंपनी किसी खास परियोजना में भ्रष्टा आचरण का दोषी पाई जाती है तो उसे केवल उस खास क्षेत्र में एक निश्चित समय तक कारोबार करने से रोक दिया जाएगा। इस तरह वह दूसरे रक्षा क्षेत्रों में कारोबार करने के लिए आजाद रहेगी। इसके अलावा इसमें भारी जुर्माने की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा इस नीति में किसी खास व्यक्ति पर भी प्रतिबंध की बात कही गई है। इस नई नीति से सेना के आधुनिकीकरण में आड़े आ रही कई परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

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