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यूएनएफएओ महानिदेशक उम्मीदवार ने माना, ‘गरीबी दूर करने के लिए ‘हरित क्रांति’ आदर्श मॉडल है’

जॉर्जिया के पूर्व कृषि मंत्री और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (यूएनएफएओ) के महानिदेशक पद के उम्मीदवार डेविट किरवालिदजे का मानना है कि गरीबी और भुखमरी दूर करने के लिए भारत की हरित क्रांति आदर्श मॉडल है.

किरवालिदजे ने कहा कि भारत (गरीबी और भुखमरी को दूर करने की दिशा में) काफी काम कर रहा है… हरित क्रांति… कई देशों के लिए अच्छा मॉडल है कि कैसे इसे लागू करना है और कैसे परिणाम हासिल करने हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक बात पर भरोसा करता हूं. आपके बजाए कोई और भुखमरी दूर नहीं कर सकता.

यूएनएफएओ महानिदेशक का चार साल का कार्यकाल एक अगस्त से आरंभ होगा. इस पद के लिए चुनाव इसी महीने होना है और इसके लिए चीन के कु दोंगयु, फ्रांस की कैथरीन जेस्लेन लानीले, जॉर्जिया के डेविट किरवालिदजे और भारत के रमेश चंद उम्मीदवार हैं.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ‘उचित परिस्थितियां’ पैदा करना उनके विकास के लिए बहुत आवश्यक है. जब लोगों की ‘बाजार तक पहुंच’ होती है और वे मुक्त व्यापार कर सकते हैं तो इससे खाद्य सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है.

उन्होंने तर्क दिया कि एफएओ को ऐसा संगठन बनना चाहिए जो सभी को समान अवसर थे ताकि वे अधिक से अधिक और बेहतर उत्पादन कर सकें और बाजारों तक पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि एफएओ को सक्रिय बनने के लिए, शीघ्र निर्णय लेने के लिए अपनी नीतियों को फिर से आकार देने की आवश्यकता है.