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मोमोज का पैसा मांगने पर हत्या, हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा को सात साल में बदला

दिल्ली हाईकोर्ट ने मोमोज विक्रेता की हत्या के मामले में दोषी दो भाइयों की उम्रकैद की सजा को कम कर सात साल कर दिया है। दोषियों ने मोमोज का पैसा मांगने पर विक्रेता युवक पर गैस सिलेंडर से हमला कर दिया था।

निचली अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोषियों ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस एस. मुरलीधर व जस्टिस आईएस मेहता की खंडपीठ ने नजफगढ़ निवासी धर्मेंद्र व जितेंद्र को हत्या के आरोपों से राहत दी है लेकिन हत्या की प्रयास की धाराओं में दोषी ठहराया है।

खंडपीठ ने कहा यह मामला इरादतन व नियोजित हत्या का नहीं है। मामले में पहले झगड़ा व हमला हुआ। इस हमले में मोनू की मौत फौरन नहीं बल्कि सिर में चोट लगने के कारण घटना के 15 दिन बाद हुई थी।

खंडपीठ ने दोनों को सात सात साल की सजा सुनाई है। हालांकि, अदालत ने दोनों पर 30-30 हजार के जुर्माने को रद करने से इंकार कर दिया। निचली अदालत ने मोनू के परिजन रवि की हत्या की कोशिश का भी दोषी दोनों को ठहराया था।