नई दिल्ली : लगता है अब सीबीआई के पूर्व निदेशकों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं.रंजीत सिन्हा के बाद सीबीआई के एक और पूर्व निदेशक भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए हैं. मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के साथ मिलकर आरोपियों की मदद करने के आरोप में सीबीआई ने अपने पूर्व निदेशक एपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ जांच का आदेश दे चुका है. उन पर कोयला घोटाले के आरोपियों से मिलीभगत का आरोप है.
गौरतलब है कि लगभग दो महीने पहले ईडी ने कुरैशी के साथ अफसरों की मिलीभगत की जांच के लिए कहा था.जिन अधिकारियों पर संदेह जताते हुए जांच के लिए कहा, उनमें रंजीत सिन्हा और एपी सिंह का नाम भी शामिल था. इसके आधार पर मोइन कुरैशी, एपी सिंह और हैदराबाद के उद्योगपति प्रदीप कोनेरू समेत अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. एफआईआर में रंजीत सिन्हा का नाम फिलहाल शामिल नहीं है. अभी रंजीत सिन्हा के साथ कुरैशी की मिलीभगत की जांच की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोइन कुरैशी और एपी सिंह के बीच सांठगांठ के साक्ष्य के तौर पर ब्लैकबेरी मैसेज दिया था. ईडी को मोइन कुरैशी के साथ एपी सिंह की बातचीत के कुल 25 ब्लैकबेरी मैसेज मिले थे. इनमें से तीन मैसेज उस समय के हैं, जब एपी सिंह सीबीआई निदेशक थे. सीबीआई को आशंका है कि कई मामलों में कुरैशी से मिलकर एपी सिंह ने आरोपियों की मदद की होगी. अब उनकी जांच की जा रही है.सबूत की तलाश में सीबीआई की टीम ने दिल्ली, हैदराबाद, गाजियाबाद और चेन्नई में विभिन्न ठिकानों पर छापे मारे. इनमें एपी सिंह का आवास भी शामिल है.